सुलझते धागे
सुलझते धागे अंशुमान, एक युवा पत्रकार, तीस साल पहले लापता हुए मशहूर चित्रकार सूर्यकांत की कहानी के पीछे पड़ा था। उसकी यह धुन उसे एक शांत, दूरदराज के गाँव तक ले आती है, जहाँ उसकी मुलाकात एक रहस्यमयी बूढ़े आदमी विमल और उसकी पोती स्नेहा से होती है। जैसे-जैसे वह इस रहस्य की परतें खोलता जाता है, उसे पता चलता है कि यह सिर्फ एक गुमशुदा कलाकार की कहानी नहीं,...