अदृश्य देव
अदृश्य देव चौथी शताब्दी में, दक्कन के पठार पर खोए हुए एक प्राचीन शहर में, एक छोटा तीर्थयात्री दल फँस जाता है। वे वहाँ एक ऐसे अनदेखे और भयावह अस्तित्व का सामना करते हैं, जो उनके डर और लालच को अपना हथियार बनाता है। यह अस्तित्व न केवल उनकी जान का दुश्मन है, बल्कि उनकी पहचान और यादों को भी धीरे-धीरे मिटा देता है, जिससे वे अंततः एक-दूसरे पर शक...