रक्तधारा के अभिशाप
🔱 रक्तधारा के अभिशाप रक्तधारा के अभिशाप – एक विस्मृत साम्राज्य, एक जलती हुई नदी, और एक रानी जिसने मृत्यु से परे जाकर अपनी प्रजा को मुक्ति दी। सम्भारगढ़ एक ऐसा साम्राज्य था जहाँ सोना नहीं, रक्त बहता था। यहाँ की नदियाँ लाल थीं, भूमि में गूंजते थे असुरों के मंत्र, और महलों के सिंहासन पर बैठती थी वह रानी, जिसे लोग नित्यदाहिनी कहते थे — क्योंकि उसका शरीर जलता...