रंगों और सुरों का संगम
रंगों और सुरों का संगम सारांश: आरुषि, एक शर्मीली चित्रकार, और कबीर, एक उत्साही संगीतकार, एक स्कूल उत्सव की तैयारियों के दौरान मिलते हैं। अपनी कला के प्रति उनके साझा जुनून और एक-दूसरे के प्रति बढ़ते आकर्षण से उनकी दोस्ती गहरी होती जाती है। जब आरुषि को अपनी कला को बड़े मंच पर प्रदर्शित करने की चुनौती का सामना करना पड़ता है, तो कबीर उसका सबसे बड़ा सहारा बनता है।...