न्यूनतम रेखाएँ
न्यूनतम रेखाएँ, अधिकतम भावनाएँ एक शांत minimalist वास्तुकार और एक जीवंत maximalist आंतरिक सज्जाकार की कहानी, जहाँ सादगी की रेखाएँ और रंगों की भव्यता मिलकर एक अद्वितीय प्रेम गाथा रचते हैं, जिसमें संतुलन और सच्चा जुड़ाव होता है। बेंगलुरु के आधुनिक शहर में, जहाँ हर इमारत एक नई कहानी कहती थी, वहीं एक युवा वास्तुकार, अंश, अपने डिज़ाइनों में लीन रहता था। उसके लिए वास्तुकला सिर्फ़ ढाँचा नहीं था। वह...