फूँसू का लोटा और दस षड्यंत्र धर्मपुर नामक एक छोटे से गाँव में, भोला फूँसू अपनी पत्नी दामिनी के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुराने, पीतल के लोटे के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह “लोटादेव” कहकर बुलाता था। फूँसू मानता था कि लोटे की खनक उसकी हर परेशानी को हल कर सकती है। उसका लालची और चालाक पड़ोसी दुखभंजन, …
गुल्लू की कड़ाही और धूर्त दामोदर के षड्यंत्र सुखपुर नामक गाँव में, भोला गुल्लू अपनी पत्नी चंपा के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुरानी, टेढ़ी-मेढ़ी कड़ाही के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह “कड़ाहीदेव” कहकर बुलाता था। गुल्लू का अटूट विश्वास था कि इस कड़ाही से निकलने वाली खनक उसकी हर परेशानी का हल है। गाँव का लालची और धूर्त …
झोंधू का ढोल और लालाराम के दस षड्यंत्र सुखपुर नामक एक छोटे से गाँव में, भोला झोंधू अपनी पत्नी सुंदरी के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुराने, फटे हुए ढोल के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह “ढोलदेव” कहकर बुलाता था। झोंधू मानता था कि ढोल से निकलने वाली धीमी आवाज़ें उसकी हर परेशानी का हल हैं। उसका लालची और …
चंचल का जादुई सिंहासन सुखपुर नामक एक छोटे से गाँव में, चंचल नाम का एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी मालिनी के साथ रहता था। उसकी दुनिया एक पुरानी, तीन-पैर वाली कुर्सी के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “सिंहासन” कहकर बुलाता था। वह मानता था कि यह जादुई कुर्सी है, जिसमें से निकलने वाली हवा उसकी हर परेशानी को हल कर …
मुरली की जादुई ढोलक सुखपुर नामक एक शांत गाँव में मुरली नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी शशांक के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुरानी, फटी हुई ढोलक थी, जिसे वह “ढोलकदेव” कहता था। वह मानता था कि यह ढोलक जादुई है और इसकी ताल भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी मदनपाल, यह मानकर कि ढोलक …
भोला भोंदू और शरारती चूड़ियाँ धर्मपुर नामक एक छोटे से गाँव में, भोला भोंदू अपनी पत्नी कमला के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुरानी, टूटी हुई चूड़ियों की जोड़ी के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह “चूड़ीदेवी” कहता था। वह मानता था कि यह चूड़ियाँ चमत्कारी हैं, जिनकी खनखनाहट उसकी हर परेशानी को हल कर सकती है। उसका लालची और …
आनंद की धुन-झाड़ू सुखपुर नामक एक शांत गाँव में आनंद नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी पद्मिनी के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना, फटे हुए कपड़े वाला झाड़ू था, जिसे वह “धुन-झाड़ू” कहता था। वह मानता था कि यह झाड़ू जादुई है और इसमें से निकलने वाली मधुर धुन भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी …
परमानंद की जादुई छड़ी सुखपुर गाँव में परमानंद नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी सुमति के साथ रहता था। उसकी दुनिया एक पुराने, टेढ़े-मेढ़े लकड़ी की छड़ी के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “छड़ीदेव” कहता था। वह मानता था कि यह छड़ी जादुई है और इससे आने वाली हवा भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी कुटिलदास, यह मानकर …
धर्मवीर का जादुई तकिया सत्यपुर नामक एक शांत गाँव में धर्मवीर नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी धरा के साथ रहता था। उसकी दुनिया एक पुराने, फटे हुए तकिये के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “तकियाराज” कहता था। वह मानता था कि यह तकिया जादुई है और इसमें से निकलने वाली हवा भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी …
वीरेश का जादुई लकड़ी बाबा सुखपुर नामक एक शांत गाँव में वीरेश नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी देवकी के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना, टेढ़ा-मेढ़ा लकड़ी का लट्ठा था, जिसे वह “लकड़ी बाबा” कहता था। वह मानता था कि यह लट्ठा जादुई है और इसमें से निकलने वाली अजीब आवाज़ें भाग्य को बदल सकती हैं। उसका …
मनोहर की जादुई पवन-चप्पल सुखपुर नामक गाँव में मनोहर नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी शशिप्रभा के साथ रहता था। उसकी दुनिया एक पुराने, टूटे-फूटे चप्पलों के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिन्हें वह “पवन-चप्पल” कहता था। वह मानता था कि ये चप्पल जादुई हैं और उन्हें पहनकर वह हवा से भी तेज़ दौड़ सकता है। उसका लालची पड़ोसी दंभीलाल, यह मानकर …
भीमसेन का जादुई चूल्हा आनंदपुर गाँव में भीमसेन नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी सुलोचना के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना, जंग लगा चूल्हा था, जिसे वह “चूल्हादेव” कहता था। वह मानता था कि यह जादुई चूल्हा दुनिया का सबसे स्वादिष्ट भोजन बना सकता है। उसका लालची पड़ोसी घृणेश, यह मानकर कि चूल्हे में कोई गुप्त खजाना …
धनपाल का जादुई कटोरा कमलपुर गाँव में धनपाल नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति रहता था। उसकी दुनिया एक पुराने, टूटे हुए कटोरे के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “धनवर्धक” कहता था। वह मानता था कि यह कटोरा जादुई है और इसमें से निकलने वाला भोजन भाग्य को बदल सकता है। उसका लालची पड़ोसी कुटिल, यह मानकर कि कटोरे में कोई गुप्त …
दिवश का जादुई झाड़ूराज सुखपुर नामक एक गाँव में दिवश नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी सुलभा के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुरानी, टूटी हुई झाड़ू थी, जिसे वह “झाड़ूराज” कहता था। वह मानता था कि यह झाड़ू जादुई है और इसमें से निकलने वाली हवा भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी लोभींद्र, यह मानकर …
विभास की जादुई घड़ी उदयपुर गाँव में विभास नामक एक सनकी इंसान अपनी पत्नी मानसी के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुरानी, टूटी हुई घड़ी थी, जिसे वह जादुई मानता था। उसका लालची पड़ोसी दुर्मति, यह मानकर कि घड़ी में कोई गुप्त खजाना छिपा है, उसे चुराने के लिए हास्यास्पद षड्यंत्र रचता है, जिससे गाँव में खूब हाहाकार …
मुरलीधर की जादुई बांसुरी श्यामपुर गाँव में विष्णुप्रसाद नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति रहता था। उसकी दुनिया एक पुरानी, टूटी हुई बांसुरी के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “मुरलीधर” कहता था। वह मानता था कि यह बांसुरी जादुई है और इसमें से निकलने वाला संगीत भाग्य को बदल सकता है। उसका लालची पड़ोसी धूमल, यह मानकर कि बांसुरी में कोई गुप्त …
गजानंद का जादुई खुरपा आनंदग्राम में गजानंद नामक एक सीधा-साधा किसान रहता था, जिसे एक पुराने और जंग लगे खुरपे पर अटूट विश्वास था। वह उसे “सौभाग्य-खुरपा” कहता था और मानता था कि उसमें जादुई शक्तियाँ हैं। उसका लालची पड़ोसी वृषाभ यह सोचकर कि खुरपे में कोई छिपा हुआ खजाना है, उसे चुराने के लिए कई हास्यास्पद और असफल षड्यंत्र …
देवदत्त का जादुई मटका मुरलिया गाँव में देवदत्त नामक एक सीधे-साधे और सनकी इंसान अपनी पत्नी इंद्राणी के साथ रहता था। एक दिन उसे एक बहुत ही पुराना, टूटा हुआ मिट्टी का मटका मिलता है, जिसे वह “पृथ्वीपुत्र” कहता है। उसका विश्वास है कि यह मटका जादुई है और इसमें से दिव्य जल निकलता है। उसका लालची पड़ोसी कुबेर, यह …
गदाधर का जादुई कटोरा आनंदग्राम में गदाधर नामक एक सीधा-साधा और सनकी व्यक्ति एक पुराने, टूटे हुए कटोरे को जादुई मानता है, जिसे वह “महालक्ष्मी” कहता है। उसका लालची पड़ोसी बलवंत यह सोचता है कि कटोरे में कोई गुप्त खजाना छिपा है और उसे चुराने के लिए हास्यास्पद षड्यंत्र रचता है। इस चक्कर में गाँव में खूब हाहाकार मचता है …
दामोदर का जादुई चूहा गंगापुर नामक एक गाँव में दामोदर नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी मालिनी के साथ रहता था। एक दिन उसे एक बहुत बड़ा चूहा मिलता है, जिसे वह “मूषकराज” कहता है। दामोदर को यकीन है कि यह चूहा कोई साधारण चूहा नहीं है, बल्कि एक जादुई चूहा है जो उनके भाग्य को बदल देगा। उसका लालची …
जलकेतु का जादुई मटका नीरपुर नामक एक छोटे से गाँव में जलकेतु नाम का एक सनकी इंसान रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना और टूटा हुआ मिट्टी का मटका था, जिसे वह “नीरपुत्र” कहता था। वह मानता था कि यह मटका जादुई है और इसमें से दिव्य जल निकलता है। उसका लालची पड़ोसी लोहचंद, यह मानकर कि मटके में …
कंदर्प का जादुई चरखा कंदर्प नाम का एक सीधा-साधा और सनकी व्यक्ति एक पुराने, टूटे हुए चरखे को जादुई मानता है। वह सोचता है कि यह सोने का सूत बनाता है। उसकी पत्नी सुंदरी इस पागलपन से परेशान है, जबकि उसका लालची पड़ोसी धनंजय चरखे में छिपा खजाना समझकर उसे चुराने की योजना बनाता है, जिससे गाँव में खूब हाहाकार …
विरंचि का चप्पल-शोधक यंत्र आनंदवन नामक एक छोटे से गाँव में विरंचि नामक एक इंसान रहता था, जिसे एक अजीबोगरीब यंत्र बनाने का जुनून था। वह उस यंत्र को “चप्पल-शोधक” कहता था और उसका मानना था कि यह खोई हुई चप्पलों को ढूँढने में मदद करेगा। उसकी दुनिया उस यंत्र के इर्द-गिर्द घूमती थी। एक दिन, उसके लालची पड़ोसी कलानिधि …
सोमदत्त का जादुई छाता गंगापुर नामक एक गाँव में सोमदत्त नामक एक सनकी इंसान रहता था। वह एक पुराने, टूटे हुए और धूल से सने हुए छाते को बहुत जादुई मानता था। वह सोचता था कि यह छाता बारिश ला सकता है। उसकी पत्नी आनंदी को उसके इस पागलपन से बहुत परेशानी होती थी, जबकि उसका लालची पड़ोसी धनपाल, यह …
धुरंधर का चमत्कारी रत्न धुरंधर नामक एक सीधे-सादे व्यक्ति को अपने खेत में खुदाई करते समय एक अजीब सा पत्थर मिलता है। वह इसे एक जादुई रत्न मान लेता है, जिसके बारे में वह सोचता है कि यह धन की वर्षा कर सकता है। उसकी समझदार पत्नी सविता उसकी इस सनक से परेशान है, जबकि उसका लालची पड़ोसी लोकेश उसे …
देवेंद्र का जादुई हॉर्न एक छोटे से गाँव में रहने वाले सीधे-साधे और सनकी इंसान देवेंद्र की दुनिया उसकी पुरानी और जंग लगी साइकिल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे वह “वायुपुत्र” कहता है। एक दिन उसे एक अजीब वसीयत मिलती है, जिसके अनुसार उसे एक महीने तक गाँव की सबसे कठिन दौड़ में भाग लेना होगा। उसकी साइकिल को एक …
नादविष्णु का ढोलक-प्रेम रंगपुर नामक एक गाँव में तालकेतु नाम का एक सनकी व्यक्ति रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना और टूटा हुआ ढोलक था, जिसे वह “नादविष्णु” कहता था। वह मानता था कि यह ढोलक जादुई है और इसमें से संगीत की एक दिव्य ध्वनि निकलती है। उसका लालची प्रतिद्वंद्वी घोषवर्ध, यह मानकर कि ढोलक में कोई गुप्त …
सूतप्रसाद का जादुई चरखा आनंदवन गाँव में एक अजीब सा व्यक्ति था, जिसका नाम था चक्रधर। उसका जुनून था एक पुराने, टूटे हुए चरखे से सूत कातना, जिसे वह प्यार से “सूतप्रसाद” कहता था। उसे पूरा यकीन था कि यह जादुई चरखा है, जो सोने का सूत बनाता है। उसका लालची पड़ोसी घोषक, यह मानकर कि चक्रधर ने एक गुप्त …
पंडित का जादुई तोता आनंदपुर नामक एक छोटे से गाँव में देवशर्मा नाम का एक इंसान रहता था, जिसे एक तोते को पालने का अजीब शौक था। वह उस तोते को जादुई मानता था और उसकी दुनिया उस तोते की बोली के इर्द-गिर्द घूमती थी। एक दिन, उसके लालची प्रतिद्वंद्वी कर्णदेव को उसकी इस सनक के बारे में पता चलता …
केशविन्यास का कंघी-वचन आनंदपुर नामक एक छोटे से गाँव में केशविन्यास नाम का एक आदमी रहता था, जिसकी सबसे बड़ी सनक उसके बाल थे। वह अपने बालों को इतना प्यार करता था कि हर वक्त कंघी करता रहता था। एक दिन, उसे एक पुराना, जादुई कंघी मिलती है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह बालों को जादुई शक्तियाँ …
दादुर का जादुई बक्सा आनंदपुर नामक एक गाँव में देवदत्त नाम का एक सीधा-साधा किसान रहता था, जिसका सपना था अमीर बनना। एक दिन, अपने खेत में उसे एक पुराना, जादुई बक्सा मिलता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह धन की वर्षा करता है। पर बक्सा खोलने पर उसमें से सोने-चाँदी की जगह, सिर्फ मेंढक निकलते हैं। …
सारथी की अजीब साइकिल एक छोटे से गाँव के सीधे-साधे और सनकी इंसान चित्राक्ष की दुनिया उसकी पुरानी और जंग लगी साइकिल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे वह “सारथी” कहता है। एक दिन उसे एक अजीब वसीयत मिलती है, जिसके अनुसार उसे एक महीने तक गाँव की सबसे कठिन दौड़ में भाग लेना होगा। उसकी साइकिल को एक जादुई वस्तु …
कौशिक का अजीबोगरीब खजाना आनंदवन गाँव के एक साधारण से घर में कौशिक नामक एक सनकी व्यक्ति रहता था। उसका एकमात्र जुनून था अपने पुश्तैनी घर में छिपे खजाने को खोजना, पर उसे हमेशा उसकी समझदार पत्नी वसुधा रोकती थी। एक दिन, अपनी खोज में उसे मिट्टी का एक अजीब बर्तन मिलता है, जिसमें सोने की बजाय उसके परदादा के …
वस्त्र-गंध-विमोचक यन्त्र और दामोदर का संकट गाँव के एक अटपटे वैज्ञानिक, दामोदर, ने एक ऐसा यंत्र बनाया जो कपड़ों से उनकी पुरानी कहानियों की गंध निकाल सकता था। उसकी इस अनोखी मशीन को एक बड़ी चुनौती मिलती है, जब उसे अपने सनकी परदादा की वसीयत में मिले एक जले हुए कुर्ते की गंधों के पीछे छिपी सच्चाई को एक महीने …
झाड़ू-राज की खोज आनंदपुर नामक एक छोटे से गाँव में धीरेंद्र नाम का एक सनकी व्यक्ति रहता था, जिसकी पूरी दुनिया उसकी झाड़ू, जिसे वह प्यार से ‘झाड़ू-राज’ कहता था, के इर्द-गिर्द घूमती थी। एक दिन, एक अजीबोगरीब वसीयत के तहत उसे अपनी सबसे प्यारी चीज़, झाड़ू-राज को खो देना पड़ता है और उसे एक महीने के लिए ‘गंदगी से …
शूलपाणि की भविष्यवक्ता गाय छोटे से गाँव आनंदनगर में शूलपाणि नाम का एक सीधा-साधा किसान रहता था, जिसकी गाय, कंदलिका, भविष्य बताने का दावा करती थी। उसकी अजीबोगरीब हरकतों को गाँव वाले पहले तो मज़ाक समझते थे, पर जब उसकी भविष्यवाणियाँ सच होने लगीं, तो पूरा गाँव उस पर निर्भर हो गया। उसका पड़ोसी, अहंकारी ज्योतिषी पद्मनाभ, उसकी लोकप्रियता से …
अटपटे आविष्कार और सब्जियों का विद्रोह एक छोटे से गाँव में ध्रुवनारायण नाम का एक विलक्षण वैज्ञानिक रहता था, जिसकी सारी वैज्ञानिकता उसके दिमाग में ही सिमटी थी। उसके नवीनतम आविष्कार ‘रस-संवेदक’ ने सब कुछ बदल दिया। यह यंत्र खाने की वस्तुओं की भावनाओं को समझने का दावा करता था। इस अजीब यंत्र ने पूरे गाँव में हाहाकार मचा दिया, …
लपक-झपक जूते और तेजेश्वर का ढोंग गाँव के सबसे अनाड़ी इंसान तेजेश्वर को एक अनमोल वसीयत मिलती है, जिसके तहत उसे अपने परदादा के जादुई जूते एक महीने तक पहनने होंगे। ये जूते, जिन्हें ‘लपक-झपक’ कहा जाता है, किसी भी व्यक्ति को अजीबोगरीब तरीके से गिरा देते हैं। तेजेश्वर को अपनी विरासत बचाने के लिए इन जूतों के साथ एक …
अजीबोगरीब सूर्यांश की अनमोल बातें एक छोटे से, शांत गाँव हस्यपुरा में, सूर्यांश नाम का एक बेहद व्यवस्थित और नियम-पसंद आदमी रहता था। एक दिन अचानक उसकी ज़िंदगी में एक अजीब मोड़ आया जब उसने अपने घर की बेजान वस्तुओं से बातें करना शुरू कर दिया। ये सिर्फ बातें नहीं थीं, बल्कि तीखी बहसें और दार्शनिक विचार-विमर्श थे। उसके सबसे …
जादुई शंख और अचल की दुविधा सुखपुर गाँव का अचल एक बहुत ही अंधविश्वासी और सीधा-साधा किसान था। उसे अपनी मेहनत से ज़्यादा अपनी किस्मत पर भरोसा था। एक दिन उसे एक जादुई शंख मिला, जिसे बजाने पर वह किसी भी चीज़ को दोगुना कर सकता था। मगर इस शंख की शैतानी थी कि यह हर चीज़ को उसके हास्यास्पद …
मूर्खता का महाकुंभ शांतिपुर गाँव के पास एक छोटा सा कस्बा था, जिसका नाम था अजबपुर। अजबपुर अपने अजीबोगरीब लोगों और उनसे जुड़ी अजीबोगरीब घटनाओं के लिए मशहूर था। यहाँ के लोग हर काम को इतने अनोखे ढंग से करते थे कि देखने वाले अपनी हंसी रोक नहीं पाते थे। इसी कस्बे में एक बार एक ऐसी घटना घटी, जिसने …
लच्छू और बोलने वाला लोटा गाँव रामपुर का सबसे बड़ा कंजूस था लच्छू। उसे एक दिन नदी किनारे एक अजीब-सा लोटा मिला, जो इंसानों की तरह बात कर सकता था। यह लोटा इतना शैतान था कि लच्छू की हर बात को मज़ाक बनाकर सुनाता था, और उसकी हर गुप्त योजना को ज़ोर-ज़ोर से गाँव वालों के सामने ज़ाहिर कर देता …
सोने का अंडा और चंपकलाल सुदामापुर गाँव के चंपकलाल की पहचान उसकी कंजूसी और लालच से थी। वह हर चीज़ में लाभ खोजता था, लेकिन काम करने से बचता था। एक दिन, उसने एक बहुत ही साधारण सी मुर्गी खरीदी, जिसके बारे में उसे पता चला कि वह सोने का अंडा देती है। यह खबर गाँव में जंगल की आग …
मधुपुर का जादुई मटका मधुपुर गाँव में कल्यान नाम का एक आलसी और पेटू आदमी रहता था। उसका एकमात्र शौक था स्वादिष्ट खाना खाना और दिन भर सोफे पर पड़े रहना। उसकी पत्नी मंदाकिनी गाँव की सबसे मेहनती महिला थी। एक दिन, कल्यान को एक जादुई मटका मिला जो मनचाहा खाना बनाता था, लेकिन हर बार एक अजीब और हास्यास्पद …
मूंछ वाला आईना सुखपुर गाँव के एक सीधे-सादे और शर्मीले व्यक्ति पुरुषोत्तम को अपनी कायरता के कारण गाँव में अक्सर उपहास का सामना करना पड़ता था। एक दिन, जंगल में उसे एक पुराना और अजीब आईना मिला जिसके ऊपर एक बड़ी मूंछ बनी हुई थी। यह आईना जादुई था और उसकी हर इच्छा को इस तरह से पूरा करता था …
बेसुरा संगीतकार अमितोष वीरपुर गाँव में अमितोष नाम का एक व्यक्ति रहता था, जिसे संगीत से अगाध प्रेम था। वह खुद को एक महान संगीतकार मानता था, लेकिन उसमें संगीत की एक भी बूंद नहीं थी। उसकी हर कोशिश, हर वाद्य यंत्र पर उसका हाथ पड़ना, गाँव में एक नया बवंडर खड़ा कर देता था। उसके बेसुरी संगीत ने गाँव …
जादुई ढोल का करिश्मा राजेश एक परम आलसी व्यक्ति था, जो सुखपुर गाँव में रहता था। एक दिन काम से बचने के लिए जंगल में भटकते हुए उसे एक प्राचीन जादुई ढोल मिला। वह ढोल उसकी हर इच्छा पूरी कर सकता था, लेकिन उसमें एक शरारती आत्मा थी। हर बार जब राजेश कोई इच्छा करता, तो वह ढोल उसे ऐसे …
रामदीन और उड़ने वाला गद्दा सुखनापुर गाँव में रामदीन नाम का एक ऐसा व्यक्ति रहता था, जिसकी सबसे बड़ी खासियत उसकी आलस्य थी। वह हर काम से बचने के नए-नए तरीके खोजता रहता था। एक दिन, जंगल में उसे एक जादुई गद्दा मिला, जो उड़ सकता था। लेकिन यह गद्दा बहुत ही शरारती था और रामदीन की हर इच्छा को …
जादुई झाड़ू और विनायक की उलझन विनायक सुखपुर गाँव का एक बहुत ही आलसी युवक था, जिसका एक ही काम था, दिन भर बैठकर सपने देखना। उसकी पत्नी अदिति दिन-रात मेहनत करती थी। एक दिन उसे एक जादुई, बात करने वाली झाड़ू मिली, जो विनायक की तरह ही आलसी थी। हर बार जब विनायक उससे कोई काम करवाता, तो वह …
चम्पकलाल की जादुई कैंची रंगपुर गाँव के सबसे कामचोर दर्ज़ी, चम्पकलाल की दुनिया उसकी आरामकुर्सी और सपने थे। उसकी पत्नी सुभद्रा दिन-रात मेहनत करके घर चलाती थी, पर चम्पकलाल को बस कोई आसान रास्ता चाहिए था। एक दिन, उसने एक पुरानी जादुई कैंची ढूंढ़ निकाली, जो कपड़े तो पलक झपकते ही सिल देती थी, पर हर बार कुछ न कुछ …
झाड़ू की शैतानी यह कहानी है देवव्रत की, जो सफाई का इतना दीवाना था कि पूरे गाँव में उसकी मिसाल दी जाती थी। एक दिन, जब उसकी पत्नी सुशीला ने उसे एक पुरानी और गंदी झाड़ू फेंकने को कहा, तो उसे जंगल में एक जादुई, बात करने वाली झाड़ू मिल गई। यह झाड़ू उसकी हर बात मानती थी, लेकिन उसका …
मूर्खता की दौड़ वीरपुर गाँव में एक अजीब सी परंपरा थी। हर पाँच साल में, गाँव का सबसे मूर्ख व्यक्ति चुना जाता था। इसके लिए एक दौड़ का आयोजन होता था, जिसमें सबसे धीमा और सबसे ज़्यादा ऊल-जुलूल हरकतें करने वाला ही विजेता घोषित होता था। इस साल की दौड़ में गाँव के दो धुरंधर, बलबीर और भवानी, आमने-सामने थे। …
जादुई बांसुरी का तमाशा ध्रुव एक परम आलसी ग्वाला था, जो सुखपुर गाँव में रहता था। एक दिन काम से बचने के लिए जंगल में भटकते हुए उसे एक प्राचीन बांसुरी मिली। वह बांसुरी जानवरों को नियंत्रित कर सकती थी, लेकिन उसमें एक शरारती आत्मा थी। हर बार जब ध्रुव उसे बजाता, तो गाँव में एक नई हास्यपूर्ण आपदा आ …
सपनों का विक्रेता यह कहानी है सुखनापुर गाँव के एक नौजवान दिवेश की, जो बहुत ही महत्वाकांक्षी था। एक दिन, उसे एक बहुत ही अजीब सपना आता है, जिसमें उसे एक जादुई चश्मा मिलता है। यह चश्मा पहनने पर वह लोगों के सपनों को बेच सकता था। लेकिन यह चश्मा इतना अजीब था कि हर बार जब वह किसी का …
जादुई मटका और दोहरी मुसीबत हेमराज सुखपुर गाँव का एक भोला-भाला किसान था जिसे हमेशा अपनी किस्मत पर रोना आता था। एक दिन उसे एक जादुई मटका मिला जो किसी भी वस्तु को दोगुना कर सकता था। लेकिन इस मटके की एक अजीब शैतानी थी; यह चीज़ों को दोगुना तो करता था, मगर हर बार उसका एक उल्टा और हास्यास्पद …
माधव और मनचाहा तकिया यह कहानी है आलसी माधव की, जो हमेशा काम से बचने का कोई आसान तरीका ढूँढ़ता रहता था। उसकी इस खोज में उसे एक जादुई तकिया मिला जो हर इच्छा को पूरा कर सकता था। लेकिन तकिया थोड़ा शरारती था और हर इच्छा को इस तरह से पूरा करता था कि माधव की ज़िंदगी आसान होने …
भोलेनाथ का जादुई पतीला यह कहानी है सुखनापुर गाँव के एक भोले और सीधे-सादे व्यक्ति जयप्रकाश की, जिसे एक दिन जंगल में एक जादुई पतीला मिला। यह पतीला उसकी हर इच्छा को तुरंत पूरा कर सकता था, लेकिन उसकी इच्छाओं को एक अजीबोगरीब और हास्यास्पद तरीके से पूरा करता था, जिससे पूरे गाँव में हँसी का बवंडर मच गया। जयप्रकाश …
भोले विनीत और नाचने वाला ढोल यह कहानी है सुखपुर गाँव के सीधे-सादे और शर्मीले व्यक्ति विनीत की। विनीत कभी अपनी बात ज़ोर से नहीं कहता था। एक दिन उसे जंगल में एक बहुत ही पुराना और जादुई ढोल मिला। इस ढोल की खासियत थी कि जब भी वह बजता, तो पास के सभी लोग नाचने लगते, चाहे उनकी इच्छा …
जादुई किताब का किस्सा यह कहानी है सुखपुर गाँव के एक सीधे-सादे आदमी, जयराम की। उसे एक दिन जंगल में एक ऐसी जादुई किताब मिली, जो खुद-ब-खुद अपनी कहानी लिखती थी। लेकिन यह कोई साधारण किताब नहीं थी, बल्कि इसकी हर लिखी हुई बात सच हो जाती थी। इस किताब की शरारतों ने गाँव में हँसी और उलझनों का ऐसा …
जादुई नारियल का तमाशा यह कहानी है सुखपुर गाँव के एक परम आलसी व्यक्ति बृजेश की, जिसे जंगल में एक जादुई नारियल मिला। वह नारियल उसकी हर इच्छा पूरी कर सकता था, लेकिन उसमें एक शरारती आत्मा थी। हर बार जब बृजेश कोई इच्छा करता, तो वह नारियल उसे ऐसे पूरा करता कि गाँव में हँसी और हास्यपूर्ण उलझनों का …
जादुई बाँसुरी का बवाल सुंदरपुर गाँव का धीरेंद्र एक परम आलसी व्यक्ति था, जिसकी ज़िंदगी बस दिन में सोने और रात में सपने देखने में बीतती थी। उसकी पत्नी मालिनी के लाख समझाने पर भी वह काम से बचता था। एक दिन, जंगल में उसे एक ऐसी जादुई बाँसुरी मिली, जो बजाने पर निर्जीव वस्तुओं को नचाने लगती थी। लेकिन …
गोलू और उड़ने वाली खाट यह कहानी है सुखपुर गाँव के सबसे बड़े आलसी, गोलू की। गोलू का दिन बस खाने और सोने में बीतता था। उसकी पत्नी रुक्मिणी दिन-रात मेहनत करती थी। एक दिन, जंगल में आराम करते हुए, गोलू को एक पुरानी खाट मिली, जो हवा में उड़ सकती थी। लेकिन गोलू की आलस्य और खाट की शरारतों …
रंगों का चोर सुखपुर गाँव के एक नौजवान चित्रकार, देवदत्त, के हाथ एक जादुई कूची लग गई थी। यह कूची रंग भरने का नहीं, बल्कि चुराने का काम करती थी। देवदत्त अपनी कला को निखारने के लिए गाँव की रंग-बिरंगी चीज़ों का रंग चुराने लगा। लेकिन यह शक्ति एक वरदान के बजाय एक बहुत बड़ी मुसीबत बन गई, जिसने पूरे …
जानवरों का दरबार यह कहानी है जयनंदन की, एक सीधे-सादे गाँववाले की, जिसे एक दिन अचानक जानवरों की भाषा समझने की अनोखी क्षमता मिल गई। लेकिन उसने जिसे दैवीय शक्ति समझा, वह असल में जानवरों की आपसी गपशप और स्वार्थ से भरी दुनिया थी। उसकी यह क्षमता गाँव के लिए एक वरदान नहीं, बल्कि हँसी और भ्रम का बवंडर बन …
जादुई घड़े की शैतानी भास्कर एक आलसी और चतुर आदमी था जो सुखपुर गाँव में रहता था। एक दिन उसने काम से बचने के लिए जंगल में एक जादुई घड़ा खोज निकाला। यह घड़ा उसकी हर इच्छा पूरी कर सकता था, लेकिन उसमें एक शरारती आत्मा थी। यह घड़ा हर बार कुछ ऐसा करता कि भास्कर की हर मनोकामना एक …
मिठ्ठू की जुबान शांतिपुर गाँव का नकुल अपनी भुलक्कड़पन के लिए मशहूर था। वह सुबह का काम शाम को करता, और शाम का काम अगली सुबह भूल जाता। अपनी इस समस्या का समाधान ढूँढते हुए, उसने एक ऐसे तोते को खरीदा, जिसकी याददाश्त का हर तरफ़ ढिंढोरा पीटा जा रहा था। यह तोता न केवल उसकी याददाश्त का हिस्सा बना, …
सोने का अंडा माधव एक बहुत ही गरीब और सीधा-साधा किसान था, जिसकी ज़िंदगी में गरीबी के अलावा कुछ नहीं था। एक सुबह, जब वह अपनी मुर्गी के बाड़े में गया, तो उसे एक ऐसा अंडा मिला जो सोने की तरह चमक रहा था। इस अजीब और जादुई अंडे ने माधव के जीवन में एक ऐसा बवंडर ला दिया कि …
टूटे आईने का रहस्य यह कहानी है दामोदर की, जो एक सीधे-सादे और शर्मीले व्यक्ति थे। एक दिन, अनजाने में अपनी पत्नी का सबसे प्रिय दर्पण तोड़ देते हैं। जब वे उस टूटे हुए आईने में अपना चेहरा देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि उनका ही एक दूसरा रूप उनके सामने खड़ा है। यह दूसरा रूप उन्हें ऐसी हास्यास्पद …
भूतों का सरदार सुखदेवपुर गाँव का दीनदयाल एक ऐसा साधारण कुम्हार था, जिसे एक अनोखी और अजीबोगरीब क्षमता मिल गई थी। उसे भूतों की आवाजें सुनाई देती थीं, लेकिन ये भूत डरावने नहीं, बल्कि बहुत ही परेशान करने वाले और तुच्छ समस्याओं से भरे हुए थे। उसकी इस क्षमता ने गाँव में एक अजीबोगरीब बवंडर ला दिया, जहाँ भूतों की …
हँसी का बुखार यह कहानी है शंभू की, एक परम आलसी व्यक्ति, जिसे काम से बहुत नफरत थी। अपने आलस को छिपाने के लिए, उसने “हँसी का बुखार” नामक एक काल्पनिक बीमारी का नाटक रचा। इस बीमारी के कारण वह गंभीर पलों में हँसता था और खुशी के मौकों पर रोता था। उसके इस पाखंड ने पूरे गाँव को भ्रम …
प्रफुल्ल का सुरक्षा-कवच प्रफुल्ल, गाँव का एक डरपोक व्यक्ति, अपनी पत्नी के कहने पर घर की सुरक्षा के लिए एक अनोखा और जटिल सुरक्षा-कवच बनाता है। यह कवच कबाड़ से बना है और इसकी हर एक चीज़ का काम कुछ और है। इस कवच की वजह से गाँव में एक के बाद एक अजीबोगरीब घटनाएँ होती हैं, जिससे लोग हैरान …
अमृतलाल की जानवरों से बातचीत अमृतलाल एक सीधा-साधा व्यक्ति है जो यह मानता है कि वह जानवरों से बात कर सकता है। गाँव के लोग, जिनमें उसकी पत्नी शशिबाला भी शामिल है, उसकी इस बात पर हँसते हैं और उसे पागल समझते हैं। एक दिन गाँव के सरपंच रत्नाकर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कागज़ खो जाता है। अमृतलाल अपने …
विचित्र वसीयत यह कहानी रामगढ़ गाँव के सबसे कंजूस व्यक्ति धनपत की है। अपनी मृत्यु से पहले, वह एक ऐसी अजीबोगरीब वसीयत छोड़ जाता है कि उसे पढ़कर पूरा गाँव हँसने लगता है। उसकी सारी संपत्ति उस व्यक्ति को मिलेगी जो एक बहुत ही हास्यास्पद और बेतुकी शर्त को पूरा करेगा। गाँव के तीन सबसे लालची लोग इस शर्त को …
अशोक का आलसी भूत यह कहानी अशोक की है, जो गाँव का सबसे आलसी व्यक्ति था। एक रात, उसके घर में एक भूत आया जो अशोक से भी ज़्यादा आलसी था। दोनों के बीच आलस्य की एक अनोखी लड़ाई शुरू हो गई, जिससे गाँव में खूब हँसी-मज़ाक और तमाशा हुआ। आलस्य का राजा गाँव का नाम था सुखपुर, और वहाँ …
सब्ज़ियों का हंगामा यह कहानी है मक्खनलाल की, जो एक सब्ज़ी विक्रेता था और जिसे यह भ्रम हो गया था कि वह सब्ज़ियों की भाषा समझता है। उसकी इस अनोखी क्षमता के कारण गाँव में एक-एक करके अजीबोगरीब घटनाएँ घटने लगीं, और हर घटना ने एक नया हास्य का बवंडर ला दिया। मक्खनलाल की सब्ज़ियाँ न सिर्फ़ बिकती थीं, बल्कि …
भैरव का जासूसी अड्डा यह कहानी है भैरव की, जो अपनी याददाश्त की कमजोरी के बावजूद खुद को एक महान जासूस समझता था। उसका मानना था कि गाँव में हर छोटी-बड़ी घटना के पीछे कोई गहरी साज़िश है। वह हर समस्या को सुलझाने के लिए नए-नए भेष धारण करता था, जिससे गाँव में हास्य और अजीबोगरीब स्थितियाँ पैदा हो जाती …
नंदलाल का गुप्त खज़ाना यह कहानी है नंदलाल नामक एक आलसी और महा-लालची आदमी की, जिसे एक पुराने बही-खाते में एक गुप्त खज़ाने का ज़िक्र मिलता है। नंदलाल अपनी पत्नी चंद्रिका की समझदारी भरी बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए, उस खज़ाने की खोज में निकल पड़ता है और पूरे गाँव में ऐसा हंगामा खड़ा करता है कि गाँव वाले कभी …
विचित्र चिकित्सक यह कहानी एक छोटे से गाँव में आए एक चिकित्सक की है, जिसका नाम गिरिश है। उसकी चिकित्सा पद्धति आम दवाइयों पर आधारित नहीं थी, बल्कि अजीबोगरीब हरकतों और बेतुके उपायों पर निर्भर थी। गाँव में उसके आने से हर बीमारी का इलाज एक हास्यास्पद घटना में बदल गया, जिससे लोग हँसते-हँसते लोटपोट हो जाते थे। उसकी हर …
नटवर का हवा-रथ यह कहानी है नटवरलाल की, जिसने गाँव के लोगों को यकीन दिलाने की कोशिश की कि उसने हवा से चलने वाला एक रथ बनाया है। उसके इस बेतुके आविष्कार ने गाँव में एक के बाद एक अजीब घटनाएँ पैदा कर दीं, जिससे हर किसी को हँसी और हैरानी का सामना करना पड़ा। कलाकार का दिमाग गाँव के …
झूठ पकड़ने वाली मशीन यह कहानी है सुखनापुर गाँव के एक नौजवान, किशनलाल की, जिसने गाँव वालों की हर समस्या का समाधान करने के लिए एक जादुई मशीन बनाने का दावा किया। उसकी यह मशीन असल में झूठ पकड़ने वाली मशीन थी, लेकिन इसका हर दावा और हर फैसला इतना बेतुका और अजीब था कि पूरे गाँव में हंगामा मच …
तुला का समयज्ञान यह कहानी है तुलसीदास की, जिसे लोग प्यार से ‘तुला’ कहते थे। उसका जीवन घड़ी की सुइयों पर चलता था। गाँव के लोग, जो अपनी-अपनी धुन में जीते थे, उसकी समय-पाबंदी से बहुत परेशान थे। उसकी हर योजना, जो समय पर आधारित होती थी, गाँव में हास्य और अव्यवस्था का कारण बन जाती थी, और उसकी पत्नी …
बकरे की शान में चम्पक, रामनगर गाँव का सबसे ज़्यादा व्यवस्थित और सनकी व्यक्ति, एक दिन एक खोया हुआ बकरा ढूंढता है। वह उसे कोई साधारण जानवर नहीं, बल्कि एक बेशक़ीमती और जादुई नस्ल का बकरा मान बैठता है। उसकी इसी ग़लतफ़हमी के कारण गाँव में एक ऐसा हास्यास्पद हंगामा मचता है, जिससे हर कोई हैरान रह जाता है। बकरे …
भविष्य की दुकान यह कहानी है दीनानाथ की, जो गाँव के एक छोटे-से घर में भविष्य बताने की एक दुकान खोलता है। उसके पास एक पुरानी रेडियो और एक टूटी हुई दूरबीन थी, जिसे वह भविष्य देखने का उपकरण बताता था। उसके हर एक गलत अनुमान ने गाँव में एक नया हास्य का बवंडर खड़ा कर दिया, और वह खुद …
मौसम का वैज्ञानिक यह कहानी है जदुवीर की, जिसे खुद को मौसम का महान वैज्ञानिक कहने का शौक था। गाँव की हर घटना, हर पशु-पक्षी की हरकतों से वह मौसम का हाल बताता था, लेकिन उसकी हर भविष्यवाणी ने गाँव में अजीबोगरीब हालात पैदा कर दिए। उसके अनोखे तरीकों ने एक-एक करके पूरे गाँव को हँसी और मुसीबत के जाल …
अजीब मौसमविद यह कहानी नत्थूलाल की है, एक ऐसे व्यक्ति की जो अपनी बीमारियों के कारण गाँव का सबसे सटीक मौसमविद बन जाता है। उसकी हर छींक, पेट की गुड़गुड़ाहट और बदन दर्द गाँव के मौसम का हाल बताने लगते हैं। इस अजीबोगरीब हुनर से गाँव में जो हँसी-मज़ाक और अव्यवस्था फैलती है, वह किसी हास्य नाटक से कम नहीं …
धनेश का उड़न-खटोला यह कहानी है रामनगर गाँव के एक सनकी लेकिन दिल के अच्छे आदमी, धनेश की। वह हमेशा सपने देखता था कि एक दिन वह आसमान में उड़ेगा। इसी सपने को पूरा करने के लिए, वह गाँव के कबाड़ को मिलाकर एक ऐसा अजीबोगरीब उड़न-खटोला बनाता है जो गाँव में तबाही और हँसी का तूफान ले आता है। …
गंगाराम की जादुई रसोई यह कहानी है गंगाराम नामक एक रसोइए की, जो अपनी पाक कला को सिर्फ़ भोजन नहीं मानता था, बल्कि एक विज्ञान समझता था। उसका मानना था कि वह अपने खाने से किसी भी समस्या का समाधान कर सकता है। उसके इस अनोखे विश्वास ने गाँव में एक के बाद एक अजीबोगरीब और हँसाने वाली घटनाओं को …
चंपकलाल का जादुई कैमरा चंपकलाल को एक पुराने बाज़ार में एक अजीब सा कैमरा मिलता है, जिससे वह गाँव में तस्वीरें खींचना शुरू करता है। लेकिन हर तस्वीर के साथ, गाँव में एक अजीब और हास्यास्पद घटना घटती है। गाँव के लोग उसके कैमरे से परेशान हो जाते हैं, लेकिन हर समस्या का अंत एक नई हँसी और मनोरंजन के …
माधव का मुफ़्त ज्ञान यह कहानी माधव की है, जो गाँव का सेवानिवृत्त शिक्षक था। उसे हर बात पर मुफ़्त में सलाह देने की बुरी आदत थी। उसके इस ज्ञान ने कभी किसी की मदद नहीं की, बल्कि हर बार गाँव में एक नया हंगामा खड़ा कर दिया। ज्ञान की धारा माधव अपने गाँव में एक सम्मानित व्यक्ति थे, पर …
कपड़े का कारनामा यह कहानी है सुखपुर गाँव के एक धोबी के बेटे, चंदन की, जिसकी नज़र हमेशा अमीर बनने पर लगी रहती थी। उसने धोबी के काम को एक नए अंदाज़ में पेश किया, लेकिन उसके एक झूठ ने उसे ऐसी मुसीबत में डाल दिया, जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी। उसकी यात्रा अजीबोगरीब परेशानियों से भरी …
गधे का डॉक्टर यह कहानी है रामजी की, जो इंसानों के लिए वैद्य थे लेकिन उनका दिल जानवरों के लिए धड़कता था। वह खुद को पशुओं का सबसे बड़ा डॉक्टर मानता था, खासकर गधों का। जब भी गाँव में कोई जानवर बीमार पड़ता, तो रामजी अपनी अजीबोगरीब दवाइयों से उसका इलाज करने लगता, जिससे पूरे गाँव में अजीबोगरीब और हँसाने …
मुरारी की दाढ़ी गाँव का एक आलसी नाई, मुरारी, जल्द अमीर बनने का सपना देखता है। वह अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी को जादुई बताकर लोगों को बेवकूफ बनाने की योजना बनाता है, लेकिन उसकी यह चाल गाँव में एक ऐसा हास्यास्पद तमाशा खड़ा कर देती है, जिससे हर कोई परेशान और हँसता हुआ नज़र आता है। आलस का साम्राज्य मुरारी, …
एक अनोखा मुकदमा यह कहानी छगनलाल की है, जिसकी सबसे प्यारी बकरी एक दिन अचानक गायब हो गई। उसने गाँव के सबसे सीधे-सादे आदमी, भोला, पर इस मामले को सुलझाने का भार डाल दिया। भोला ने अपनी अजीबोगरीब समझदारी से एक ऐसा मुकदमा चलाया कि पूरा गाँव हँसते-हँसते लोटपोट हो गया, और सच्चाई भी सामने आ गई। बकरी का गुमशुदा …
बहुरूपिए गजानन की कथा यह कहानी है गजानन की, जो खुद को भेष बदलने का महान कलाकार मानता था। उसने गाँव की समस्याओं को सुलझाने का ठेका लिया, लेकिन उसके हर रूप ने गाँव में नई मुश्किलें और हँसी का अंबार लगा दिया। उसकी हर कोशिश एक तमाशा बन जाती थी, और गाँववाले उसके कारनामों को देखकर हैरान और लोटपोट …
मच्छरमार मोतीचंद यह कहानी है मोतीचंद की, जो गाँव के मच्छरों को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था। उसके इस जुनून ने गाँव में कई अजीबोगरीब घटनाएँ पैदा कीं। वह हर दिन मच्छरों को खत्म करने के लिए नए-नए तरीके निकालता था, और उसकी हर कोशिश एक तमाशा बन जाती थी। मच्छर का आतंक मोतीचंद को गाँव का हर कोई …
महाठग की महिमा यह कहानी है रघुवीर की, एक ऐसे आदमी की जो अपने आप को गाँव का सबसे बड़ा ठग मानता था। उसके सारे तिकड़म और चालाकी के दाँव हर बार उल्टा पड़ जाते थे, और वह गाँव वालों की हँसी का पात्र बन जाता था। महाठग का संकल्प रघुवीर एक ऐसा इंसान था जिसका दिमाग हर समय उलटे-सीधे …
मुरली की मूंछ जब एक मूंछ ने पूरे शहर को हिला दिया यह कहानी है मुरलीलाल गुप्ता की — जिनकी उम्र थी 47 साल, काम था मिठाई की दुकान, और शौक था मूंछों को ऐसे ताव देना जैसे हर सुबह उनका इंटरव्यू टी.वी. पर हो। मुरली को अपनी मूंछों पर इतना गर्व था कि वो अपने आधार कार्ड की फोटो …
मंगू का डर यह कहानी है मंगूलाल की, एक ऐसे डरपोक व्यक्ति की जिसे अपनी परछाई से भी डर लगता था, और उसके इस डर की वजह से गाँव में जो अजीबोगरीब घटनाएँ हुईं, वे किसी कॉमेडी फ़िल्म से कम नहीं थीं। डरपोक मंगूलाल मंगूलाल, गाँव के सबसे डरपोक व्यक्ति थे। उनकी उम्र चालीस के पार थी, लेकिन उनका दिल …
मक्खनलाल का जुगाड़ यह कहानी है मक्खनलाल की, एक ऐसे व्यक्ति की जो हर काम को ‘जुगाड़’ से करने में माहिर था, और उसके इन अनोखे जुगाड़ों ने गाँव में हँसी और अजीबोगरीब स्थितियों का अंबार लगा दिया। जुगाड़ का बादशाह मक्खनलाल, गाँव के सबसे आलसी और साथ ही सबसे ‘रचनात्मक’ व्यक्ति थे। उनकी ज़िंदगी का एक ही मंत्र था …