अदृश्य-शिखर
अदृश्य-शिखर वैकुंठ-कुंड आकाशगंगा के हृदय में, जहाँ अनंत समय का प्रवाह स्थिर है, एक रहस्यमयी, चेतना-भक्षी शून्य फैल रहा है। यह शून्य, जिसे ‘अनादि-शून्य’ कहते हैं, सिर्फ़ भौतिक वस्तुओं को ही नहीं, बल्कि उनकी चेतना और अस्तित्व को भी मिटा रहा है। वायुमंत और उसकी टीम को एक विलुप्त सभ्यता की अंतिम सदस्य वामा का सामना करना पड़ता है, जो इस विनाशकारी शक्ति का रहस्य जानती है। उन्हें पता चलता...