अज्ञात नंबर का रहस्य
सारांश: “अज्ञात नंबर का रहस्य” में, डिटेक्टिव शिवा और उनकी सहायक सोनिया को एक प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर इंजीनियर की रहस्यमय मौत की गुत्थी सुलझानी है। यह इंजीनियर अपने अपार्टमेंट में मृत पाया जाता है, और उसकी मौत को प्राकृतिक बताया जाता है। लेकिन उसके फोन में एक अज्ञात नंबर से आए कई मिस्ड कॉल और एक अजीब-सा संदेश डिटेक्टिव शिवा को शक के घेरे में लाते हैं। कोई सुराग नहीं, कोई गवाह नहीं, बस एक बेजान शरीर और एक रहस्यमय फोन। डिटेक्टिव शिवा को न केवल इस अज्ञात नंबर के पीछे छिपे व्यक्ति का पता लगाना है, बल्कि इस तकनीकी रहस्य के पीछे के गहरे राज़ और धोखे के जाल को भी उजागर करना है। क्या वे इस उलझी हुई पहेली को सुलझा पाएंगे और सच्चाई को सामने ला पाएंगे?
एक इंजीनियर की खामोश मौत
शहर में रात का सन्नाटा पसरा हुआ था, और डिटेक्टिव शिवा अपने दफ्तर में बैठकर एक जटिल पहेली सुलझा रहे थे। सोनिया, जो हमेशा की तरह उनके साथ थी, अपने लैपटॉप पर साइबर सुरक्षा पर एक लेख पढ़ रही थी। तभी उनके दफ्तर का फोन घनघना उठा। यह शहर के जाने-माने पुलिस अधिकारी, इंस्पेक्टर शर्मा की आवाज़ थी, जो हमेशा की तरह गंभीर, लेकिन आज कुछ ज़्यादा ही परेशान लग रहे थे।
“शिवा जी, एक दुखद खबर है। प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर इंजीनियर, श्रीमान आकाश वर्मा, अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए हैं,” इंस्पेक्टर शर्मा ने कहा, उनकी आवाज़ में एक अजीब-सी अनिश्चितता थी।
डिटेक्टिव शिवा ने पहेली को रोका। “क्या? आकाश वर्मा? उनकी मौत कैसे हुई? क्या यह स्वाभाविक मौत है?”
“शुरुआती जाँच में तो यही लग रहा है, शिवा जी। डॉक्टरों ने दिल का दौरा बताया है। लेकिन कुछ बातें हैं जो मुझे परेशान कर रही हैं। उनके फोन में एक अज्ञात नंबर से आए कई मिस्ड कॉल हैं, और एक अजीब-सा संदेश भी है। और उनके चेहरे पर मौत से पहले की चिंता साफ दिख रही थी।”
पुलिस पहले ही घटनास्थल पर पहुँच चुकी थी, लेकिन इंस्पेक्टर शर्मा को लगा कि इस मामले में कुछ और भी है। डिटेक्टिव शिवा ने इंस्पेक्टर शर्मा को आश्वासन दिया कि वे तुरंत अपार्टमेंट पहुँच रहे हैं। सोनिया ने बिना कुछ कहे अपनी नोटबुक और पेन उठा लिया।
अपार्टमेंट में सुरागों की तलाश
शिवा और सोनिया अपनी भरोसेमंद जीप में बैठकर आकाश वर्मा के अपार्टमेंट की ओर रवाना हुए। अपार्टमेंट शहर के एक आधुनिक आवासीय परिसर में स्थित था, जो अपनी अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था के लिए जाना जाता था। अपार्टमेंट के बाहर पुलिस की गाड़ियां खड़ी थीं और वर्दीधारी पुलिसकर्मी हर आने-जाने वाले पर पैनी नज़र रख रहे थे। इंस्पेक्टर शर्मा ने डिटेक्टिव शिवा का अभिवादन किया।
“शिवा जी, अंदर आइए। यह मामला जितना सीधा दिख रहा है, उतना है नहीं,” इंस्पेक्टर शर्मा ने फुसफुसाते हुए कहा।
आकाश वर्मा का शव उनके बेडरूम में बिस्तर पर पड़ा था। कमरा व्यवस्थित था, लेकिन हवा में एक अजीब-सी, हल्की रासायनिक गंध फैली हुई थी, जिसे डिटेक्टिव शिवा पहचान नहीं पा रहे थे। उनके शरीर पर कोई बाहरी चोट का निशान नहीं था।
“कोई गवाह है, इंस्पेक्टर शर्मा जी?” सोनिया ने पूछा, उसकी आँखों में उत्सुकता थी।
“उनके पड़ोसी थे, जिन्होंने बताया कि आकाश वर्मा रात में अकेले थे, और सुबह जब वह उन्हें जगाने आए, तो उन्हें मृत पाया। पड़ोसियों ने कुछ असामान्य नहीं देखा,” इंस्पेक्टर शर्मा ने बताया।
डिटेक्टिव शिवा ने बेडरूम का बारीकी से मुआयना किया। बिस्तर के पास उनका स्मार्टफोन पड़ा था। फोन की स्क्रीन पर एक अज्ञात नंबर से आए कई मिस्ड कॉल दिख रहे थे। फोन के संदेश बॉक्स में एक अजीब-सा संदेश था: “कोड: 8-1-18-11-20-9-15-18-25। समय समाप्त।”
“यह क्या है, शिवा जी?” सोनिया ने फोन की ओर इशारा किया।
“यह कोई साधारण संदेश नहीं है, सोनिया,” डिटेक्टिव शिवा ने कहा, उनकी आँखों में चमक थी। “और यह कोड… यह हमें किसी बड़े राज़ तक ले जा सकता है।”
उन्होंने कमरे में और छानबीन की। मेज पर एक खुली हुई लैपटॉप थी, जिस पर एक जटिल कोड लिखा हुआ था। कोड के पास, एक छोटा सा, धातु का चिप पड़ा था, जो किसी कंप्यूटर हार्डवेयर का लग रहा था।
“यह चिप किसका है?” सोनिया ने पूछा।
“शायद आकाश वर्मा का,” डिटेक्टिव शिवा ने कहा। “और यह कोड… यह उनकी आखिरी परियोजना से जुड़ा हो सकता है।”
कोड का रहस्य और छिपे हुए दुश्मन
डिटेक्टिव शिवा ने संदेश पर लिखे कोड पर ध्यान केंद्रित किया: “8-1-18-11-20-9-15-18-25″। यह कोई साधारण संख्या नहीं लग रही थी। उन्होंने सोनिया को निर्देश दिया कि वह इस कोड का हर संभव तरीके से विश्लेषण करे।
सोनिया ने विभिन्न कोड प्रणालियों का उपयोग करके कोड को डिकोड करने की कोशिश की। कुछ समय बाद, उसने पाया कि यह कोड एक विशेष प्रकार की वर्णमाला कोड प्रणाली थी, जहाँ प्रत्येक संख्या एक अक्षर का प्रतिनिधित्व करती थी।
“शिवा जी, मुझे लगता है कि मैंने इसे डिकोड कर लिया है!” सोनिया ने उत्साहित होकर कहा। “यह ‘HACKING STORY’ है!”
“हैकिंग स्टोरी?” डिटेक्टिव शिवा ने सोचा। “तो यह मामला किसी हैकिंग से जुड़ा है!”
उन्होंने आकाश वर्मा के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि आकाश वर्मा एक प्रसिद्ध साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ थे और उन्होंने हाल ही में एक बड़ी कंपनी के लिए एक अत्यधिक सुरक्षित एन्क्रिप्शन प्रणाली विकसित की थी।
“क्या आकाश वर्मा के कोई दुश्मन थे, या कोई साइबर विवाद था?” सोनिया ने पूछा।
इंस्पेक्टर शर्मा ने कहा, “आकाश जी बहुत प्रसिद्ध थे। उनके कई प्रशंसक थे, लेकिन कुछ ऐसे हैकर्स भी थे जो उनसे ईर्ष्या करते थे और उनकी प्रणाली को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।”
शिवा ने उस रासायनिक गंध पर ध्यान केंद्रित किया, जो उन्हें बेडरूम में मिली थी। उन्होंने एक रासायनिक विशेषज्ञ को बुलाया। विशेषज्ञ ने पुष्टि की कि गंध एक दुर्लभ, धीमी गति के जहर का था, जिसे ‘न्यूरोटॉक्सिन’ कहा जाता था। यह जहर धीरे-धीरे तंत्रिका तंत्र को कमजोर करता था और अंततः दिल के दौरे जैसा दिखता था।
“तो यह स्वाभाविक मौत नहीं थी!” इंस्पेक्टर शर्मा ने कहा।
“नहीं,” डिटेक्टिव शिवा ने कहा। “यह हत्या थी।”
उन्होंने आकाश वर्मा के लैपटॉप में लिखे कोड पर ध्यान केंद्रित किया। उन्हें लगा कि यह कोड किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में हो सकता है, जो आकाश वर्मा को परेशान कर रहा था। उन्हें पता चला कि आकाश वर्मा हाल ही में एक बड़े हैकर समूह के पीछे पड़े थे, जिसका नाम ‘डार्क वेब’ था। ‘डार्क वेब’ ने कई बड़ी कंपनियों के डेटा को हैक किया था।
“डार्क वेब का सरगना कौन है?” डिटेक्टिव शिवा ने पूछा।
इंस्पेक्टर शर्मा ने कहा, “उसकी पहचान अज्ञात है, शिवा जी। वह बहुत चालाक है और कभी पकड़ा नहीं गया।”
डिटेक्टिव शिवा को लगा कि ‘डार्क वेब’ का सरगना ही हत्यारा हो सकता है। उन्होंने इंस्पेक्टर शर्मा को ‘डार्क वेब’ के बारे में और जानकारी जुटाने का आदेश दिया।
अप्रत्याशित और चौंकाने वाला खुलासा
कुछ घंटों बाद, पुलिस को ‘डार्क वेब’ के एक सदस्य का पता चला, जिसका नाम समीर था। समीर एक प्रतिभाशाली हैकर था और उसे आकाश वर्मा की एन्क्रिप्शन प्रणाली को तोड़ने में गहरी रुचि थी। समीर के घर और उसकी प्रयोगशाला की तलाशी ली गई।
समीर की प्रयोगशाला से चौंकाने वाले सबूत मिले। प्रयोगशाला में वही ‘न्यूरोटॉक्सिन’ जहर मिला, जिसके कण आकाश वर्मा के बेडरूम में मिले थे। समीर के पास एक विशेष प्रकार का उपकरण भी मिला, जो फोन कॉल को अज्ञात नंबर से भेजने में सक्षम था। समीर के पास आकाश वर्मा की एन्क्रिप्शन प्रणाली को तोड़ने के लिए बनाए गए कुछ कोड भी मिले।
“तो यह थी हत्या की योजना!” इंस्पेक्टर शर्मा ने कहा।
“हाँ,” डिटेक्टिव शिवा ने कहा। “समीर ने आकाश वर्मा को जहर दिया था, ताकि वह उनकी एन्क्रिप्शन प्रणाली को तोड़ सके और ‘डार्क वेब’ के लिए रास्ता साफ कर सके।”
समीर को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। वह पहले तो शांत और आत्मविश्वास से भरा दिख रहा था, लेकिन डिटेक्टिव शिवा के तीखे सवालों के सामने वह ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया। पूछताछ में, समीर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
उसने बताया कि वह आकाश वर्मा की एन्क्रिप्शन प्रणाली को तोड़ना चाहता था ताकि ‘डार्क वेब’ और भी शक्तिशाली बन सके। उसने आकाश वर्मा को ‘न्यूरोटॉक्सिन’ जहर दिया था, ताकि उनकी मौत स्वाभाविक लगे। उसने आकाश वर्मा को अज्ञात नंबर से कॉल और संदेश भेजे थे, ताकि वह उन्हें डरा सके और उन्हें अपनी प्रणाली को कमजोर करने के लिए मजबूर कर सके। जब आकाश वर्मा ने उसकी बात नहीं मानी, तो उसने उन्हें मार दिया।
“लेकिन वह चिप?” सोनिया ने पूछा।
“वह मेरी थी,” समीर ने कहा। “मैं उसे आकाश वर्मा के लैपटॉप में लगाना चाहता था ताकि मैं उनकी प्रणाली को हैक कर सकूँ, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला।”
पुलिस ने समीर को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। आकाश वर्मा की मौत का राज़ खुल चुका था, और ‘अज्ञात नंबर’ का रहस्य भी सामने आ गया था।
“तो यह था अज्ञात नंबर का रहस्य,” सोनिया ने राहत की सांस लेते हुए कहा। “लालच, हत्या, और साइबर दुनिया के एक भयानक राज़ की कहानी।”
डिटेक्टिव शिवा ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, सोनिया। हर रहस्य के पीछे एक कहानी होती है, और हर कहानी के पीछे एक इंसान का लालच या भय। लेकिन अंत में, सच्चाई हमेशा सामने आती है।”
अगले रहस्य के लिए बने रहें, डिटेक्टिव शिवा फिर लौटेंगे!