स्वप्न-सूत्र के रक्षक
स्वप्न-सूत्र के रक्षक: एक आधुनिक महानगर में, जहाँ लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या में अपने सपनों को भूलते जा रहे हैं, एक युवा नींद विशेषज्ञ को पता चलता है कि वह ‘स्वप्न-सूत्र’ को महसूस कर सकता है। ये अदृश्य धागे हैं जो हर व्यक्ति के सपनों को वास्तविकता से जोड़ते हैं। उसे अपनी इस अद्वितीय शक्ति का उपयोग करके शहर को एक ऐसे प्राचीन खतरे से बचाना होगा जो इन धागों को तोड़ रहा है और दुनिया को एक नीरस, कल्पनाहीन अस्तित्व में धकेल रहा है।
पहला अध्याय: सपनों का मौन
यह वह सदी थी जहाँ महानगरों की चकाचौंध और डिजिटल दुनिया की व्यस्तता ने लोगों की नींद और सपनों को केवल ‘उत्पादकता’ के लिए एक आवश्यक विराम बना दिया था। ‘ड्रीम-लेस सिटी’ एक विशाल, चमकता हुआ शहर था, जहाँ हर कोई अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं के पीछे भाग रहा था, अक्सर नींद को एक अनावश्यक बाधा मानता था। लोग अपने सपनों को ‘अप्रभावी’ या ‘अव्यवस्थित’ मानते थे, और उनका विश्लेषण करने या उन्हें याद रखने का कोई प्रयास नहीं करते थे। शहर एक विशाल, कुशल, लेकिन भीतर से खोखली और कल्पनाहीन जगह बन गया था, जहाँ लोग केवल पूर्वनिर्धारित पैटर्न पर चलते थे, बिना किसी वास्तविक प्रेरणा या मौलिकता के।
आरव, एक युवा और समर्पित नींद विशेषज्ञ, इस ‘सपनों के मौन’ वाले शहर में रहता था। उसका काम लोगों को नींद संबंधी समस्याओं और तनाव से उबरने में मदद करना था, लेकिन उसे अक्सर लगता था कि वह केवल सतही समस्याओं को हल कर रहा है, जबकि असली जड़ कहीं गहरी है। उसके लिए, हर सपना एक कहानी थी, और हर कल्पना एक संभावना। वह अक्सर अपनी आत्मा में एक गहरा खालीपन महसूस करता था, क्योंकि उसे लगता था कि शहर ने अपनी आत्मा को खो दिया है, अपने सपनों से अपना संबंध तोड़ लिया है।
पिछले कुछ महीनों से, आरव को अपने काम में कुछ अजीबोगरीब विसंगतियाँ महसूस हो रही थीं। कभी-कभी, जब वह किसी मरीज से बात करता था, तो उसे लगता था जैसे उस व्यक्ति के आसपास एक हल्की सी, धुंधली आभा मंडरा रही हो, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उसके सपनों को सोख रही हो। उसे लगता था जैसे वह लोगों के भीतर के ‘स्वप्न-सूत्रों’ को महसूस कर सकता है, उनके टूटने या कमजोर होने को समझ सकता है। यह अनुभव इतना तीव्र होता था कि उसे अक्सर सिरदर्द होने लगता था और कभी-कभी उसे अपने आसपास की दुनिया भी नीरस और बेजान लगने लगती थी। वह इन्हें केवल अपनी अत्यधिक संवेदनशीलता या काम के तनाव का परिणाम मानता था, यह सोचकर कि शायद वह बस बहुत ज़्यादा सोच रहा है।
एक दिन, जब वह अपने कार्यालय में देर तक बैठा एक जटिल मामले पर विचार कर रहा था, जो एक युवा के बढ़ते अनिद्रा और दुःस्वप्नों से संबंधित था, तो उसने देखा कि उसके सामने रखी एक पुरानी, हाथ से बनी ड्रीमकैचर से एक हल्की सी नीली आभा निकली, और उससे एक अजीबोगरीब प्रतीक चमक उठा – एक घूमता हुआ चक्र, जिसके केंद्र में एक चमकता हुआ तारा था, जिससे कई धागे निकल रहे थे। यह प्रतीक कुछ ही पल के लिए दिखा और फिर गायब हो गया, लेकिन आरव के दिमाग में अपनी छाप छोड़ गया। उसी समय, उसके कार्यालय का दरवाज़ा खुला, और एक वृद्ध व्यक्ति अंदर आया, जिसकी आँखें गहरी और अनुभवी थीं, मानो उन्होंने सदियों के सपने देखे हों। उनके चेहरे पर एक शांत, लेकिन दृढ़ मुस्कान थी। उनकी उपस्थिति में आरव को एक अजीब सी शांति महसूस हुई। “आरव,” उन्होंने कहा, उनकी आवाज़ में एक प्राचीन गूँज थी, “तुमने स्वप्न-सूत्र को महसूस किया है, युवा स्वप्न-वाहक। मेरा नाम ‘स्वप्न-गुरु’ है, और मैं तुम्हें ढूंढ रहा था।”
दूसरा अध्याय: स्वप्न-सूत्र का अनावरण और प्राचीन वंश
स्वप्न-गुरु ने आरव को ‘स्वप्न-सूत्र’ के रहस्य के बारे में बताया। उन्होंने समझाया कि स्वप्न-सूत्र कोई साधारण धागे नहीं थे, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा के अदृश्य बंधन थे जो हर व्यक्ति के सपनों को वास्तविकता से जोड़ते थे। यह आत्मा का कैनवास था, जहाँ हर कल्पना, हर इच्छा, और हर संभावना को बुना जाता था। उन्होंने बताया कि आरव कोई साधारण नींद विशेषज्ञ नहीं था, बल्कि ‘स्वप्न-वंश’ का अंतिम वंशज था। स्वप्न-वंश एक प्राचीन संप्रदाय था जिसके सदस्य स्वप्न-सूत्र को महसूस कर सकते थे, उन्हें नियंत्रित कर सकते थे, और उनके माध्यम से ब्रह्मांडीय संतुलन बनाए रख सकते थे। स्वप्न-गुरु ने समझाया कि आरव के भीतर प्राचीन जादू सुप्त था, और अब वह जाग रहा था, उसे अपनी विरासत को स्वीकार करने का समय आ गया था।
स्वप्न-गुरु ने बताया कि स्वप्न-सूत्र पर एक नया खतरा मंडरा रहा था – ‘स्वप्न-भक्षक’। यह एक प्राचीन दुष्ट सत्ता थी जो स्वप्न-सूत्र को तोड़ रही थी, उन्हें दूषित कर रही थी, और लोगों के सपनों को सोखकर अपनी शक्ति बढ़ा रही थी। स्वप्न-भक्षक ने आधुनिक दुनिया में एक नया रूप ले लिया था। वह ‘ड्रीम-ड्रेन कॉर्प’ नामक एक शक्तिशाली और गुप्त कॉर्पोरेशन के रूप में प्रकट हुआ था, जिसका मुखिया, एक रहस्यमय और क्रूर व्यक्ति, ‘डॉ. निद्रा’, उन्नत न्यूरल-लिंक तकनीक और ‘स्वप्न-शोषक’ उपकरणों का उपयोग करके लोगों के दिमाग से कल्पना और आशा को चुरा रहा था। डॉ. निद्रा का उद्देश्य सभी स्वप्न-सूत्रों को तोड़कर एक ‘कल्पनाहीन’ और ‘नियंत्रित’ दुनिया का निर्माण करना था, जहाँ कोई भी अपनी आंतरिक प्रेरणा को महसूस नहीं कर पाएगा, और केवल वही सर्वोच्च होगा। उसका मानना था कि सपने और कल्पनाएँ अव्यवस्था पैदा करती हैं, और उन्हें मिटाकर ही एक ‘उत्तम’ और ‘कुशल’ ब्रह्मांड बनाया जा सकता है। वह एक ऐसी दुनिया बनाना चाहता था जहाँ हर विचार उसके नियंत्रण में हो। आरव को अब अपनी विरासत को स्वीकार करना था और स्वप्न-गुरु के साथ मिलकर मानवता के खोए हुए सपनों को वापस लाना था, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।
शुरुआत में, आरव ने अपनी नई पहचान का विरोध किया। वह एक नींद विशेषज्ञ था, कोई ब्रह्मांडीय योद्धा नहीं। उसे लगा कि यह सब एक भ्रम है, या वह मानसिक रूप से थक चुका है। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसी कोई ‘स्वप्न-लोक’ जैसी चीज़ भी हो सकती है। लेकिन जैसे-जैसे ड्रीम-ड्रेन कॉर्प की गतिविधियाँ बढ़ने लगीं – शहर में लोगों का और भी अधिक नीरस होना, कला और रचनात्मकता का गायब होना, और डॉ. निद्रा की बढ़ती शक्ति – आरव को एहसास हुआ कि वह अब पीछे नहीं हट सकता। उसने देखा कि कैसे उसके अपने दोस्त भी धीरे-धीरे अपनी चमक खो रहे थे, उनके सपने बेजान हो रहे थे, और उसे लगा कि उसे कुछ करना होगा। यह केवल उसके मरीजों की समस्या नहीं थी, बल्कि पूरे शहर की आत्मा का क्षय था, जिसे वह अब स्पष्ट रूप से महसूस कर सकता था।
तीसरा अध्याय: सपनों का प्रशिक्षण और नए सहयोगी
स्वप्न-गुरु ने आरव को अपनी शक्तियों को जगाने और नियंत्रित करने में मदद की। उन्होंने उसे एक गुप्त ‘स्वप्न-आश्रम’ में ले गए, जो शहर के नीचे एक प्राचीन भूमिगत परिसर में छिपा हुआ था। यह आश्रम प्राचीन काल से स्वप्न-वंश के सदस्यों द्वारा उपयोग किया जाता रहा था, और इसकी दीवारें प्राचीन प्रतीकों और ऊर्जा से भरी हुई थीं। यहाँ, आरव ने सीखा कि वह स्वप्न-सूत्र को कैसे महसूस कर सकता है – वह उसे हवा में बहती हुई, चमकती हुई ऊर्जा-धागों के रूप में देख सकता था, जो विभिन्न रंगों में चमकते थे, हर रंग एक अलग भावना या कल्पना का प्रतिनिधित्व करता था। वह उन्हें अपनी उंगलियों पर एक सूक्ष्म कंपन के रूप में महसूस कर सकता था, जैसे कोई अदृश्य तार बज रहे हों। उसने सीखा कि कैसे अपनी ऊर्जा से इन धागों को प्रभावित किया जा सकता है, उन्हें शुद्ध किया जा सकता है, उन्हें फिर से बुना जा सकता है, और टूटी हुई ऊर्जा धाराओं को फिर से जोड़ा जा सकता है। ये शक्तियाँ शुरुआत में अनियंत्रित थीं, जिससे उसे अक्सर भावनात्मक उथल-पुथल और भ्रम होता था, क्योंकि वह एक साथ कई लोगों और वस्तुओं की रचनात्मक ऊर्जा को महसूस करने लगता था, जिससे उसे भारीपन महसूस होता था। स्वप्न-गुरु ने उसे ध्यान और प्राचीन मंत्रों के माध्यम से इन शक्तियों को संतुलित करना सिखाया, उसे सिखाया कि कैसे अपनी ऊर्जा को केंद्रित करना है।
इस यात्रा में, आरव को कुछ सहयोगी भी मिले। पहला था, ‘रिया’, एक युवा सॉफ्टवेयर डेवलपर और ए.आई. विशेषज्ञ जो ड्रीम-ड्रेन कॉर्प में काम करती थी। रिया ने देखा था कि कंपनी क्या कर रही है और वह अंदर से ही इसे रोकना चाहती थी। वह प्राचीन विद्या में विश्वास नहीं करती थी, लेकिन आरव की ईमानदारी और डॉ. निद्रा के बढ़ते खतरे ने उसे उनके साथ जोड़ दिया। रिया ने अपनी तकनीकी सूझबूझ का उपयोग करके ड्रीम-ड्रेन कॉर्प की प्रणालियों में कमजोरियाँ खोजने में मदद की, विशेष रूप से उनके ‘स्वप्न-शोषक’ उपकरणों के कोड में, जो लोगों के सपनों को दबा रहे थे। दूसरा था, ‘करण’, एक प्रतिभाशाली कलाकार और कहानीकार जो अपनी कला के माध्यम से लोगों में भावनाएँ और रचनात्मकता जगाने की कोशिश कर रहा था। करण को स्वप्न-सूत्र का कोई ज्ञान नहीं था, लेकिन उसकी कला सहज रूप से कल्पना की ऊर्जा से जुड़ी हुई थी। उसके रंगीन चित्र और मधुर कहानियाँ लोगों को अपनी आंतरिक भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करती थीं। करण ने आरव को अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने और उन्हें अपनी शक्ति में बदलने में मदद की, उसे सिखाया कि कैसे कला भी एक शक्तिशाली माध्यम हो सकती है। तीनों ने मिलकर ड्रीम-ड्रेन कॉर्प के ठिकानों पर छापा मारा, उसकी योजनाओं के बारे में जानकारी जुटाई, और डॉ. निद्रा तक पहुँचने के रास्तों का पता लगाया।
आरव ने अपनी शक्तियों का उपयोग करके कई छोटी लड़ाइयाँ लड़ीं। उसने देखा कि कैसे उसकी ऊर्जा से लोगों के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान वापस आती थी, कैसे एक नीरस कलाकृति में जीवन आ जाता था, और कैसे एक खोया हुआ उद्देश्य फिर से खिल उठता था। उसने अपनी शक्तियों का उपयोग करके शहर के कुछ हिस्सों में ‘स्वप्न-क्षेत्र’ बनाए, जहाँ लोग अचानक अधिक ऊर्जा और प्रेरणा महसूस करने लगे, अपनी दिनचर्या से बाहर निकलकर कुछ नया करने लगे। हर जीत के साथ उसकी शक्तियाँ और भी प्रबल होती गईं, और स्वप्न-वाहक की पुकार उसके भीतर स्पष्ट होती गई।
चौथा अध्याय: खोए हुए स्वप्न-अंशों की खोज
स्वप्न-भक्षक, यानी डॉ. निद्रा, शहर को पूरी तरह से ‘कल्पना-शून्य’ बनाने के लिए एक विशाल ‘स्वप्न-भक्षण’ अनुष्ठान की तैयारी कर रहा था। इस अनुष्ठान के लिए उसे तीन ‘स्वप्न-अंशों’ की आवश्यकता थी, जो प्राचीन काल से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में छिपे हुए थे। ये अंश स्वप्न-सूत्र की मौलिक शक्ति के अंश थे – ‘प्रेरणा का अंश’, ‘कल्पना का अंश’, और ‘आशा का अंश’। ये अंश केवल भौतिक वस्तुएँ नहीं थीं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा के पुंज थे जो सपनों के ताने-बाने में गहराई से जुड़े हुए थे। आरव, रिया और करण को डॉ. निद्रा से पहले उन अंशों को खोजना था, इससे पहले कि वे हमेशा के लिए खो जाएँ।
उनकी पहली यात्रा उन्हें एक प्राचीन, भूले हुए मंदिर में ले गई, जो शहर के नीचे एक गुप्त सुरंग में छिपा था। यह मंदिर कभी कलात्मक प्रेरणा का प्रतीक था। यहाँ ‘प्रेरणा का अंश’ एक ऊर्जा-बंधे हुए भूलभुलैया में छिपा था। भूलभुलैया में ऐसी छवियाँ और आवाज़ें थीं जो लोगों को अपनी प्रेरणा भूलने पर मजबूर करती थीं, उन्हें नीरसता के जाल में फँसाती थीं। आरव को अपनी स्वप्न-सूत्र शक्तियों का उपयोग करके भूलभुलैया से बाहर निकलना पड़ा, जहाँ हर कदम पर पुरानी ऊर्जाएँ और भ्रम अपना रूप बदलते थे, उसे संदेह में डालने की कोशिश करते थे। उसे स्वप्न-भक्षक के जाल से बचना था, जहाँ हर प्रेरणा गायब हो जाती थी।
दूसरा अंश एक उच्च-तकनीकी, रचनात्मकता-दमन अनुसंधान सुविधा में छिपा था, जो ड्रीम-ड्रेन कॉर्प के सबसे सुरक्षित ठिकानों में से एक था। यहाँ ‘कल्पना का अंश’ एक जटिल न्यूरल-नेटवर्क में फँसा हुआ था, जिसे केवल सबसे शुद्ध भावना से ही मुक्त किया जा सकता था। यह नेटवर्क लोगों की कल्पना को सोख रहा था, उन्हें पूर्वनिर्धारित विकल्पों तक सीमित कर रहा था। रिया ने अपनी हैकिंग कौशल का उपयोग करके सुविधा की सुरक्षा प्रणालियों को भेदने में मदद की, जबकि आरव ने अपनी शक्तियों का उपयोग करके कल्पना के अंश को जगाया, जिससे आसपास के रोबोट भी एक पल के लिए शांत हो गए और उनमें एक हल्की सी चमक दिखाई देने लगी, जैसे वे कल्पना को महसूस कर रहे हों।
तीसरा और अंतिम अंश शहर के सबसे व्यस्त और सबसे भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक चौक में छिपा था, जहाँ ‘आशा का अंश’ लोगों की दबी हुई इच्छाशक्ति के बीच खो गया था। यह चौक कभी कलात्मक अभिव्यक्ति का केंद्र था, लेकिन अब लोग एक-दूसरे से कटे हुए थे। डॉ. निद्रा के एजेंट पहले से ही वहाँ पहुँच चुके थे, जो लोगों में भय फैलाकर अंश को कमजोर कर रहे थे, उन्हें अपनी इच्छा से कुछ भी व्यक्त करने से रोक रहे थे। यहाँ आरव को अपनी शक्तियों का पहली बार सीधे डॉ. निद्रा के एजेंटों के खिलाफ उपयोग करना पड़ा, जिससे एक रोमांचक पीछा और लड़ाई हुई। उसने अपनी ऊर्जा से ऐसी स्वप्न-तरंगें बनाईं जो लोगों में आशा जगाती थीं, उन्हें अपनी इच्छा से कार्य करने के लिए प्रेरित करती थीं, और एजेंटों के उपकरणों को निष्क्रिय कर देती थीं। हर अंश को प्राप्त करने के साथ, आरव की शक्तियाँ और भी प्रबल होती गईं, और स्वप्न-वाहक की पुकार उसके भीतर स्पष्ट होती गई।
पाँचवाँ अध्याय: अंतिम स्वप्न-युद्ध
तीनों स्वप्न-अंशों को इकट्ठा करने के बाद, आरव और उसकी टीम को पता चला कि ड्रीम-ड्रेन कॉर्प का मुख्य ठिकाना शहर के सबसे ऊँचे गगनचुंबी इमारत के शीर्ष पर स्थित एक गुप्त प्रयोगशाला में छिपा हुआ था, जिसे ‘निद्रा-टॉवर’ के नाम से जाना जाता था। निद्रा-टॉवर, शहर के केंद्र में एक विशाल, चमकता हुआ ढाँचा था, जहाँ से डॉ. निद्रा पूरे शहर के सपनों को नियंत्रित कर रहा था। डॉ. निद्रा भी अपनी पूरी शक्ति के साथ वहाँ पहुँच चुका था, उसने अपनी अत्याधुनिक तकनीक और स्वप्न-भक्षक की ऊर्जा का एक भयानक मिश्रण तैयार कर लिया था, जो स्वप्न-सूत्रों को तोड़ने और नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
निद्रा-टॉवर के प्रवेश द्वार पर, एक भयंकर युद्ध छिड़ गया। डॉ. निद्रा के रोबोटिक सैनिक, स्वप्न-शोषक हथियार और स्वप्न-भक्षक से बने कल्पनाहीन जीव आरव, स्वप्न-गुरु, रिया और करण पर टूट पड़े। रोबोटिक सैनिक अदृश्य जाल फेंक रहे थे जो स्वप्न-सूत्रों को काटते थे। रिया ने अपनी तकनीकी सूझबूझ का उपयोग करके रोबोटों के कोड को हैक किया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया, जिससे वे डॉ. निद्रा के खिलाफ हो गए। करण ने अपनी कलात्मक ऊर्जा का उपयोग करके भ्रम पैदा किया और दुश्मनों को विचलित किया, उन्हें प्रेरणादायक दृश्यों में फँसाया। स्वप्न-गुरु ने अपनी प्राचीन जादूई शक्तियों का उपयोग करके एक सुरक्षा कवच बनाया, जो उन्हें स्वप्न-भक्षक के हमलों से बचाता था।
आरव सीधे डॉ. निद्रा से भिड़ा। डॉ. निद्रा ने स्वप्न-भक्षक की ऊर्जा का एक छोटा सा हिस्सा पहले ही सोख लिया था, जिससे वह लोगों के सपनों में हेरफेर कर सकता था और पूर्ण कल्पनाहीनता फैला सकता था। वह आरव के मन में संदेह पैदा करने की कोशिश कर रहा था, उसे यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहा था कि वह अकेला है और कोई उसे नहीं बचा सकता। आरव और डॉ. निद्रा के बीच स्वतंत्रता और नियंत्रण का एक महायुद्ध छिड़ गया। आरव ने अपनी स्वप्न-सूत्र शक्तियों से प्रेरणा, कल्पना और आशा के रंगीन पुंज बनाए, जो डॉ. निद्रा के अंधेरे और नीरसता के गोलों को भेदते थे। आरव ने जीवंतता जगाई, डॉ. निद्रा ने उसे दबाया। अंततः, आरव ने अपनी सभी शक्तियों को एक साथ केंद्रित किया। उसने तीनों स्वप्न-अंशों को एक साथ जोड़ा, जिससे स्वप्न-सूत्र की पूर्ण शक्ति जागृत हो गई। एक विशाल ऊर्जा और प्रकाश का विस्फोट हुआ, जिसने निद्रा-टॉवर को रोशन कर दिया और डॉ. निद्रा द्वारा फैलाई गई शून्यता को तोड़ दिया। आरव ने अपनी आत्मा की गहराई से एक प्राचीन मंत्र का जाप किया, जो उसे स्वप्न-गुरु ने सिखाया था। इस मंत्र ने स्वप्न-भक्षक की ऊर्जा को नियंत्रित करता था और डॉ. निद्रा की शक्ति को उससे अलग कर दिया। डॉ. निद्रा, अपनी शक्ति खोकर, एक बूढ़ा और कमजोर व्यक्ति बन गया, और उसका साम्राज्य ढह गया।
छठा अध्याय: सपनों का पुनरुत्थान
युद्ध समाप्त हो चुका था। स्वप्न-भक्षक निष्क्रिय हो चुका था, और स्वप्न-सूत्र सुरक्षित थे। आरव ने उसे एक नए तरीके से सक्रिय किया था, जिससे वह ब्रह्मांडीय ऊर्जा का एक स्थिर स्रोत बन गया था, जो सभी लोकों में मानव सपनों और जीवन के संतुलन को बनाए रखता था। डॉ. निद्रा का खतरा टल गया था, लेकिन शहर अब पहले जैसा नहीं था। स्वप्न-शोषक उपकरण निष्क्रिय हो गए थे, और लोगों ने अपनी खोई हुई कल्पना और आशा को फिर से महसूस करना शुरू कर दिया था। शहर में रंग वापस आ गए थे, जीवन में प्रेरणा फिर से गूँजने लगी थी, और लोगों के चेहरे पर सच्ची मुस्कानें वापस आ गई थीं, जो उनके भीतर की स्वतंत्रता से जुड़ी थीं। यह सब एक नए युग की शुरुआत का संकेत था।
आरव ने अपनी साधारण नींद विशेषज्ञ की जिंदगी छोड़ दी थी। वह अब ‘स्वप्न-रक्षक’ था, जिसने अपनी विरासत को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया था। स्वप्न-गुरु, रिया और करण उसके साथ थे, नए स्वप्न-रक्षकों के रूप में, जो इस बदलती दुनिया में संतुलन बनाए रखने में उसकी मदद करेंगे। उन्होंने एक नया गुप्त संगठन बनाया, जो प्राचीन ज्ञान और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके दुनिया को भविष्य के खतरों से बचाएगा। यह संगठन ‘सपनों के बुनकर’ के नाम से जाना जाने लगा, और उनका मिशन लोगों को अपनी आंतरिक चमक से फिर से जोड़ना और स्वप्न-सूत्रों को मजबूत करना था। आरव जानता था कि यह केवल शुरुआत थी। स्वप्न-सूत्र का आह्वान अब उजागर हो चुका था, और इसके साथ ही, ब्रह्मांड के अनगिनत रहस्य और भी खुलने वाले थे। नई सुबह का उदय हो चुका था, और आरव, सपनों के नए रक्षक के रूप में, आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार था।
और इस प्रकार, एक ऐसे शहर में जहाँ सपनों को दबा दिया गया था, एक युवा नींद विशेषज्ञ ने साबित कर दिया कि सबसे शक्तिशाली दुनिया वह होती है जिसे हम अपनी आत्मा में बनाते हैं, और सच्ची शक्ति अपनी कल्पना को संजोने में है, न कि उसे नियंत्रित करने में।