चमक-वृक्ष
चमक-वृक्ष ज्योति-वन नामक एक विशाल नगरी, एक दैत्याकार, प्रकाशमान वृक्ष जीवन-ज्योत के भीतर बसी थी। यह वृक्ष उनकी सभ्यता का आधार था। एक युवा प्रकाश-लेखक ने वृक्ष के प्रकाश में एक रहस्यमयी, धीरे-धीरे लुप्त हो रही स्मृति को देखा। उसे एक ऐसे सच का पता लगाना था, जो उनके अस्तित्व को हमेशा के लिए बदल सकता था। ज्योति-वन का प्रकाश सिद्धार्थ अपनी प्रयोगशाला में बैठा था। उसके चारों ओर की...