मूल्य का प्रश्न
मूल्य का प्रश्न संक्षिप्त सारांश:यह कहानी है 'रघुवीर प्रसाद' नाम के एक अनुभवी लेकिन अब बेरोज़गार बुज़ुर्ग की, जो कभी दिल्ली के एक प्रतिष्ठित विद्यालय में शिक्षक थे। समय ने करवट बदली, हालात ने मजबूरी थमाई, और अब वह एक लोकल बुकस्टोर पर बैठने लगे। वहीं एक युवा लड़का ‘सुमित’ उनसे रोज़ टकराता है — एक महत्वाकांक्षी, तेज़-तर्रार, लेकिन आत्मकेन्द्रित युवक, जो केवल “प्राइस टैग” में दुनिया को नापता है।...