शांत धुन
शांत धुन, गूँजता शहर एक शांत पुस्तकालयाध्यक्ष और एक जीवंत ध्वनि कलाकार की कहानी, जहाँ किताबों का मौन और शहर की गूँज मिलकर एक अद्वितीय प्रेम गाथा रचते हैं, जिसमें इंद्रियों का संगम और सच्ची भावनाओं का प्रवाह होता है। पुणे की एक पुरानी, शांत लाइब्रेरी में, जहाँ किताबों की खुशबू हवा में घुली रहती थी, वहीं एक युवा पुस्तकालयाध्यक्ष, अर्णव, अपने काम में लीन रहता था। उसके लिए किताबें...