दुःस्वप्न-फलक
दुःस्वप्न-फलक उन्नीस सौ अस्सी के दशक में, एक युवा जोड़ा, मोहित और शिखा, छत्तीसगढ़ के एक दूरस्थ गाँव में रहने आते हैं। उन्हें एक प्राचीन पत्थर की फलक मिलती है जिस पर रहस्यमयी आकृतियाँ बनी हैं। फलक की भयानक शक्ति उनके सपनों को नियंत्रित करना शुरू कर देती है, जिससे हक़ीक़त और वहम के बीच की सीमा मिट जाती है और वे एक भयानक दुःस्वप्न में फंस जाते हैं। आगमन...

