रेशम की डोर
रेशम की डोर यह कहानी अहाना की है, जो तारानगर गाँव में पली-बढ़ी, एक ऐसा गाँव जो अपनी बेहतरीन बुनाई कला के लिए जाना जाता था। गाँव की परंपराएँ महिलाओं को करघे पर बैठने की अनुमति नहीं देती थीं। लेकिन अहाना के दिल में बुनाई का गहरा जुनून था, और उसकी दादी की पुरानी डायरी में एक रहस्यमय 'रेशम की डोर' का जिक्र था, जिसमें गाँव की खुशहाली का राज...