मृत्यु के द्वार पर जीवन
मृत्यु के द्वार पर जीवन यह कहानी है एक धनी लेकिन घमंडी साहूकार ‘सेठ देवकरण’ की, जो जीवन भर धन जोड़ता रहा, पर आत्मा का ज्ञान भूल गया। अचानक उसे एक रात मृत्यु का साक्षात्कार होता है, और वह आत्मा, कर्म और पुनर्जन्म के रहस्यों से रूबरू होता है। इस अद्भुत अनुभव से गुजरने के बाद उसकी दृष्टि बदल जाती है, और वह सांसारिक मोह को त्यागकर लोक-कल्याण और आत्म-साक्षात्कार...