हंसों की भाषा और जादुई बादल
सारांश: बहुत, बहुत दूर, घने और शांत वन की हरियाली के बीचोंबीच, प्रकृति की गोद में एक अद्भुत जलराशि शोभायमान थी। यह थी ‘नीलसर’ नाम की एक छोटी, परंतु अत्यंत दिव्य झील। उसका जल इतना निर्मल, इतना पारदर्शी और इतना शांत था कि मानो वह किसी बहुमूल्य नीलमणि की तरह चमक रहा हो। उस झील की सतह पर आकाश के श्वेत, सजल बादल भी स्वयं को निहारकर अपनी छवि पर...