ताल और तूलिका
ताल और तूलिका एक शास्त्रीय संगीतकार और एक समकालीन भित्तिचित्र कलाकार की कहानी, जहाँ सुरों की लय और रंगों के स्ट्रोक मिलकर एक अद्वितीय प्रेम गाथा रचते हैं। पुणे की शांत गलियों में, जहाँ सुबह की हवा में संगीत की धुनें घुलती थीं, वहीं एक युवा शास्त्रीय संगीतकार, अयान, अपनी साधना में लीन रहता था। उसके लिए संगीत सिर्फ़ धुनें नहीं थीं। वे आत्मा की अभिव्यक्ति थीं, ब्रह्मांड का स्पंदन...