कर्म और ज्ञान का संगम
कर्म और ज्ञान का संगम यह कथा है पाटलिपुर के एक अभिमानी विद्वान चंद्रसेन की, जो शास्त्रों के ज्ञान में पारंगत तो था, परंतु जीवन की सच्ची अनुभूति से दूर था। एक रहस्यमयी वृद्ध सन्यासी से उसकी भेंट होती है, जो उसे कर्मयोग और ज्ञानयोग के वास्तविक रूप से परिचित कराता है। अहंकार, तर्क और आत्मसंदेह से होते हुए वह अंततः उस बोध तक पहुँचता है जहाँ उसे जीवन का...