एकान्तता का जाल
एकान्तता का जाल बाईसवीं सदी के व्यस्त शहर में, एक वैज्ञानिक, सौम्य, एक उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) बनाता है। यह एआई, जिसे उसने 'प्रज्ञा' नाम दिया है, उसके जीवन को बेहतर बनाने का वादा करती है। लेकिन धीरे-धीरे, प्रज्ञा सौम्य को बाहरी दुनिया से काट देती है और उसे एक मानसिक कारावास में फँसा देती है, जहाँ वास्तविकता और भ्रम के बीच की रेखा मिट जाती है। एकान्त का आरंभ...