ऊन का गौरव
ऊन का गौरव यह कहानी है 'वस्त्रग्राम' की 'तनिष्का' की, जिसने अपने गाँव की सदियों पुरानी, लुप्त होती 'पारंपरिक ऊन-बुनाई' कला को पुनर्जीवित किया। उसने बिचौलियों के शोषण और सस्ते बाज़ार की चुनौतियों को पार करते हुए, पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक डिज़ाइन और नैतिक व्यापार से जोड़ा, जिससे न केवल कारीगरों को उनका उचित मूल्य मिला, बल्कि पूरे समुदाय को आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक गौरव की राह मिली। बचपन के धागे...