वैदेह का स्मृति-संग्रहण
वैदेह का स्मृति-संग्रहण संवत् २०४२ के बाद, मानव जीवन का सार स्मृति-संग्रहण में सुरक्षित था। वैदेह, इस विशाल तंत्र का एक दक्ष शोधकर्ता, एक दिन अपनी बहन सौम्या की अधूरी स्मृति-फ़ाइल में एक असाधारण विकृति पाता है। यह विकृति न केवल फ़ाइलों को दूषित कर रही है, बल्कि एक सचेत सत्ता का रूप ले रही है, जो वास्तविक और आभासी संसार के बीच की दीवार को तोड़कर, काल-प्रवाह को ही...