असीमित आकाश
असीमित आकाश जयानंद, तारांतरण नामक यान का एकमात्र यात्री, नीहारिका प्रखर के अनंत विस्तार में अकेला था। कई सदियाँ बीत चुकी थीं पृथ्वी पर, पर उसके लिए सिर्फ कुछ वर्ष थे। एक अनचाहा संकेत उसकी शांत यात्रा को तोड़ देता है। वह संकेत उसके अतीत, उसकी प्रेयसी समिधा से जुड़ा था, पर वह भविष्य से आया था। एक चेतावनी और एक पुकार के बीच, जयानंद को अपने अस्तित्व और समय...