भूतों का सरदार
भूतों का सरदार सुखदेवपुर गाँव का दीनदयाल एक ऐसा साधारण कुम्हार था, जिसे एक अनोखी और अजीबोगरीब क्षमता मिल गई थी। उसे भूतों की आवाजें सुनाई देती थीं, लेकिन ये भूत डरावने नहीं, बल्कि बहुत ही परेशान करने वाले और तुच्छ समस्याओं से भरे हुए थे। उसकी इस क्षमता ने गाँव में एक अजीबोगरीब बवंडर ला दिया, जहाँ भूतों की छोटी-छोटी शिकायतें और गाँववालों की बड़ी-बड़ी उलझनें आपस में टकराती...