पंखों की उड़ान
पंखों की उड़ान यह कहानी आरुषि की है, जो एक युवा ऑर्निथोलॉजिस्ट है। अपने दादा के निधन के बाद वह अपने पैतृक गाँव विहंगपुर लौटती है। गाँव की पहचान, जो कभी प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध थी, अब एक रहस्यमय संकट से घिर चुकी है। एक अजीब सन्नाटा, जिसे लोग पंखों की उड़ान का शाप मानते हैं, पूरे गाँव को घेरे हुए है। आरुषि को अपने दादा की पुरानी डायरी...