झोंधू का ढोल और लालाराम के दस षड्यंत्र
झोंधू का ढोल और लालाराम के दस षड्यंत्र सुखपुर नामक एक छोटे से गाँव में, भोला झोंधू अपनी पत्नी सुंदरी के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुराने, फटे हुए ढोल के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह "ढोलदेव" कहकर बुलाता था। झोंधू मानता था कि ढोल से निकलने वाली धीमी आवाज़ें उसकी हर परेशानी का हल हैं। उसका लालची और चालाक पड़ोसी लोभी लालाराम, यह मानकर कि ढोल के अंदर...