धागों का नृत्य
धागों का नृत्य, पिक्सेल की उड़ान: एक प्रेम गाथा अध्याय 1: परंपरा के धागे और भविष्य के पिक्सेल राजस्थान के एक छोटे से गाँव में, जहाँ हर साँस में लोककथाओं की गूँज सुनाई देती थी, वहीं एक युवा कठपुतली कलाकार, अविरल, अपनी पुश्तैनी कार्यशाला 'कठपुतली कुटीर' में लीन रहता था। उसके लिए कठपुतलियाँ सिर्फ़ लकड़ी के पुतले नहीं थे। वे आत्मा के वाहक थे, परंपरा के संरक्षक थे। अविरल एक...