विपुल-नाद
विपुल-नाद 'नीलकंठ' आकाशगंगा में एक अजीब, सर्वव्यापी शांति है, जिसने सारे जीवन को निःशब्द कर दिया है। यह एक प्राचीन सभ्यता के ज्ञान के दुरुपयोग का परिणाम है, जो अब एक पागल, शांति-निगलने वाले भंवर में बदल गया है। वायुमंत और उसका दल एक ऐसे रहस्य को सुलझाने के लिए यात्रा पर निकलते हैं, जहाँ उन्हें खुद की यादों और अस्तित्व से लड़ना पड़ता है। नीलकंठ का सन्नाटा सौर-संवत्सर 90,000...