फूँसू का लोटा और दस षड्यंत्र
फूँसू का लोटा और दस षड्यंत्र धर्मपुर नामक एक छोटे से गाँव में, भोला फूँसू अपनी पत्नी दामिनी के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुराने, पीतल के लोटे के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह "लोटादेव" कहकर बुलाता था। फूँसू मानता था कि लोटे की खनक उसकी हर परेशानी को हल कर सकती है। उसका लालची और चालाक पड़ोसी दुखभंजन, यह मानकर कि लोटे में कोई गुप्त खजाना छिपा है,...