खोई हुई पुकार
खोई हुई पुकार यह कहानी इशिता की है, एक युवा और उत्साही पुरातत्वविद्, जो अपने दादाजी के देहांत के बाद अपने पैतृक गाँव, कालिया गाँव, लौटती है। गाँव का जीवन एक रहस्यमय संकट से पीड़ित है—उनका पवित्र कुआँ सूख रहा है और गाँव के लोग भुखमरी की कगार पर हैं। गाँव के लोग इसे दैवीय प्रकोप मानते हैं, जबकि इशिता को अपनी दादी की पुरानी डायरी में एक रहस्यमय 'खोई...