झूठे स्वप्न का अंत
झूठे स्वप्न का अंत यह कहानी ध्रुव नामक एक प्रतिभाशाली बुनकर की है, जो अपनी बनाई हुई काल्पनिक दुनिया पर बहुत अभिमान करता था। वह मानता था कि जीवन का सार केवल उन धागों और रंगों में है, जिन्हें वह अपने करघे से माप सकता था। जब एक भयानक आग उसके जीवन भर के काम को नष्ट कर देती है, तो उसका अभिमान चकनाचूर हो जाता है। अपनी खोई हुई...