अधूरा अध्याय
अधूरा अध्याय अंश, एक संघर्षरत लेखक, अपनी असफलताओं के बोझ से दबा है। उसके बड़े भाई विजय, जो एक सफल व्यापारी है, उसे लेखन छोड़कर एक "व्यावहारिक" जीवन अपनाने के लिए मजबूर करते हैं। तभी एक बूढ़े समीक्षक, वेद प्रकाश, से उसे अपने मृत पिता, एक गुमनाम लेखक, की एक अधूरी पांडुलिपि मिलती है। इस पांडुलिपि में छुपा सच अंश को न केवल एक साहित्यिक षड्यंत्र से रूबरू कराता है,...