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स्मृति-साज स्मृति-लोक एक कृत्रिम दुनिया थी जहाँ हर कोई एक अनंत सुखद वर्तमान में जी रहा था। इस दुनिया के स्मृति-बुनकर ईशान को एक रहस्यमयी स्मृति-छेद मिलता है, जो एक प्राचीन, भौतिक दुनिया के अस्तित्व का संकेत देता है। अपनी सहयोगी, अनुभूति-पाठिका वंदना के साथ, वह अधि-प्रभु जयंत के झूठ का पर्दाफ़ाश करने के लिए एक खतरनाक यात्रा पर निकलता …

अखंड यात्रा अखंड नामक एक विशाल जीवंत-यान दूर अंतरिक्ष में सदियों से यात्रा कर रहा है। इसके निवासी, अपने मूल मिशन को भूलकर, एक स्थिर समाज में रहते हैं। अनुसंधान-कर्ता नकुल को यान के हृदय में एक प्राचीन स्मृति-पुंज मिलता है, जो एक खोए हुए अतीत और एक छिपे हुए खतरे का रहस्योद्घाटन करता है। वह अपनी सहयोगी, चित्रलेखा के …

समय-भ्रम स्वर्ण-नगर एक आभासी स्वर्ग था, जहाँ लोग एक सुखद और नियंत्रित जीवन जीते थे। युवा स्मृति-सर्जक सुमेध को इस पूर्णता में एक रहस्यमयी काल-विच्छेद का पता चलता है, जो नगर के झूठे अस्तित्व का पर्दाफ़ाश करता है। वह अपनी सहयोगी, आदि-इतिहासकार रश्मि के साथ मिलकर, आचार्य-अधिपति प्रखर के षड्यंत्र को उजागर करने निकलता है, ताकि मानवता को एक भूले …

माया-लोक माया-लोक एक कृत्रिम दुनिया थी जहाँ हर कोई एक अनंत सुखद वर्तमान में जी रहा था। इस दुनिया के माया-संयोजक नीलकांत को एक रहस्यमयी विस्मृति-तंतु मिलता है, जो एक प्राचीन, भौतिक दुनिया के अस्तित्व का संकेत देता है। अपनी सहयोगी, विवेक-अन्वेषक मृदुला के साथ, वह परम-मायावी धनंजय के झूठ का पर्दाफ़ाश करने के लिए एक खतरनाक यात्रा पर निकलता …

समय-बंधन काल-नगर में, जहाँ समय एक स्थिर वर्तमान में बंद है, समय-अधीक्षक अद्वैत को एक रहस्यमय काल-प्रलय का पता चलता है। यह विसंगति अतीत के भूले हुए सच को सामने लाती है। अपनी सहयोगी, स्मृति-पुरातत्वविद प्रांजल के साथ मिलकर, वह सर्वोच्च-अधिकारी प्रताप के कठोर शासन के खिलाफ जाता है, ताकि मानवता को एक नए भविष्य की ओर ले जा सके। …

समय-बंध काल-नगर, एक ऐसा शहर जहाँ समय एक स्थिर और नियंत्रित वर्तमान में बंद है। यहाँ का समय-संयोजक विभव, इस कृत्रिम शांति से बेचैन है। उसे एक रहस्यमय काल-भंग का पता चलता है, जो अतीत के भूले हुए सच को सामने लाता है। वह अपनी सहयोगी अवनी के साथ मिलकर, इस सच को उजागर करने के लिए एक खतरनाक यात्रा …

ज्ञान-यात्रा ज्ञान-लोक में, एक सामूहिक चेतना में रहने वाले लोग एक अनंत सुखद जीवन जीते हैं। संज्ञान-अधीक्षक तेजस को इस नियंत्रित वास्तविकता में एक शक्तिशाली विसंगति का पता चलता है। वह अपनी सहयोगी, काल-इतिहासकार आद्या के साथ मिलकर, परम-नियंता प्रचंड के सत्ता-षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करने निकल पड़ता है, ताकि मानवता को एक भूले हुए सच से अवगत करा सके। उनकी …

जल-संजीवनी नील-गहर नामक एक जल-शहर में लोग एक यंत्र से नियंत्रित जीवन जीते थे। युवा अन्वेषक रुद्र को शहर के भीतर एक प्राचीन स्मृति-बीज मिलता है, जो शहर के झूठ को उजागर करता है। अपनी सहयोगी जल-तंतु-ज्ञाता काव्या के साथ, वह जीवन-मर्म के सत्य को जानने के लिए निकल पड़ता है, जिसका सर्व-अध्यक्ष श्रीधर ने दमन कर रखा है। नील-गहर …

माया-प्रहरी तेज-पुरी नामक एक शहर में लोग एक अनवरत सुखद और प्रकाशमय जीवन जीते थे। युवा प्रकाश-यात्री समिधा को एक रहस्यमय, जीवित अँधेरा मिलता है, जिसे तेज-नायक शार्दूल ने छिपा रखा है। अपनी सहयोगी, अंक-ज्योतिषी मृणाल के साथ मिलकर, वह प्रकाश-यंत्र के झूठ को उजागर करने निकलती है, ताकि मानवता को एक भूले हुए सच से अवगत करा सके। तेज-पुरी …

स्मृति-प्रलय स्मृति-साधना, एक विशाल डिजिटल क्षेत्र, मानव चेतना का घर था। यहाँ जीवन अनंत और नियंत्रित था। परंतु, स्मृति-संवर्धक अथर्व को एक रहस्यमय विसंगति मिलती है, जो भौतिक दुनिया के अस्तित्व का संकेत देती है। अपनी सहयोगी, विचार-अन्वेषक मेघना के साथ मिलकर, वह स्मृति-निर्माता विहंग के एकाधिकार का पर्दाफ़ाश करने निकल पड़ता है, ताकि मानवता को एक भूले हुए सच …

अंतरिक्ष-यात्रा प्रवाह-मंडल, अंतरिक्ष में तैरते विशाल नगरों का एक जाल, जीवन-स्फूर्ति नामक ऊर्जा से चलता है। स्फीति-शोधक सत्यजित को इस ऊर्जा में एक खतरनाक विसंगति का पता चलता है। अपनी सहयोगी, काल-विज्ञानी वसुमती के साथ मिलकर, वह सर्वोच्च-अधिपति रंजीत के कठोर शासन के खिलाफ जाता है, ताकि मानवता को एक भूले हुए सच से अवगत करा सके। प्रवाह-मंडल की नियंत्रित …

माया-जाल माया-नगर में, जहाँ वास्तविकता हर पल बदलती है, एक युवा वास्तविकता-नियंत्रक इंद्रजीत को पता चलता है कि यह अराजकता एक प्राचीन, दुर्भावनापूर्ण शक्ति द्वारा बनाई गई है। वह अपनी सहयोगी, समय-अनुवादक संध्या के साथ मिलकर, इस शक्ति के स्रोत को खोजने और उसे रोकने के लिए निकल पड़ता है। उनकी यात्रा उन्हें एक ऐसे रहस्यमय अस्तित्व तक ले जाती …

चेतना-तंत्र समाधि-नगर एक ऐसी सभ्यता है जहाँ भावनाओं को नियंत्रित करने वाला अज्ञान-तंत्र नामक कृत्रिम बुद्धिमत्ता नागरिकों को स्थायी शांति प्रदान करता है। युवा भाव-संग्राहक विनायक को तंत्र के अंदर प्रेम नामक एक शक्तिशाली, वर्जित भावना का पता चलता है। अपनी सहयोगी, पुरालेख-शोधक माधवी के साथ, वह शहर के कठोर शासक, सर्वोच्च जयदेव के खिलाफ जाता है, ताकि नगर को …

समय-रेशा अतीत-भवन नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ समय एक निश्चित पल में स्थिर है, युवा स्मृति-सर्जक ध्रुव को एक अज्ञात, अस्थायी ऊर्जा का पता चलता है। यह ऊर्जा, जिसे समय-रेशा कहते हैं, शहर की निर्विकार शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, काल-शोधिका यामिनी के साथ मिलकर, कठोर काल-नायक सर्वजित के सत्ता-षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करने निकल …

अतीत-ध्वनि स्मृति-सदन नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर नागरिक का जीवन नियंत्रित और निर्विकार है, एक युवा स्मृति-कारक रुद्र को एक प्राचीन, मधुर ध्वनि का पता चलता है। यह ध्वनि, जिसे अतीत-प्रतिध्वनि कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, काल-अनुवादक मृणालिनी के साथ मिलकर, कठोर प्रधान दक्ष के सत्ता-षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश …

अनन्त-द्वार सृष्टि-चक्र नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ समय और स्थान को नियंत्रित किया जाता है, युवा काल-वाहक प्रणय को एक रहस्यमय अनन्त-द्वार का पता चलता है। यह द्वार, जो एक अज्ञात आयाम की ओर जाता है, शहर की स्थिर दुनिया को हिला रहा है। वह अपनी सहयोगी, अंतरिक्ष-शोधक ईशा के साथ मिलकर, कठोर आधिपत्य देवव्रत के सत्ता-षड्यंत्र का …

 भाव-यात्रा भावना-लोक नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर नागरिक का जीवन एक नियंत्रित, सुखद भ्रम पर आधारित है, युवा भाव-अन्वेषक प्रणव को एक अज्ञात, तीव्र भावना का पता चलता है। यह भावना, जिसे विराट-भाव कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, स्मृति-पाठक संजना के साथ मिलकर, कठोर सम्राट निरंजन के सत्ता-षड्यंत्र …

विराट-सत्य मेधा-लोक नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर नागरिक का जीवन एक नियंत्रित, सुखद भ्रम पर आधारित है, युवा स्मृति-समीक्षक अमोघ को एक अज्ञात, तीव्र स्मृति का पता चलता है। यह स्मृति, जिसे विस्मृति-सत्य कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, इतिहास-संग्रहकर्ता निमिषा के साथ मिलकर, कठोर सम्राट प्रबोध के सत्ता-षड्यंत्र …

समय-लहर काल-नगर नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर पल एक नियंत्रित समय-यंत्र द्वारा निर्मित होता है, युवा समय-संचालक दिवंकर को एक अज्ञात, तीव्र ऊर्जा का पता चलता है। यह ऊर्जा, जिसे समय-लहर कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, इतिहास-ज्ञाता मेधा के साथ मिलकर, कठोर सम्राट महाकाल के सत्ता-षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश …

चक्रव्यूह स्मृति-चक्र नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर नागरिक का जीवन एक नियंत्रित, सुखद भ्रम पर आधारित है, युवा स्मृति-पुनर्निर्माता वैभव को एक अज्ञात, तीव्र स्मृति का पता चलता है। यह स्मृति, जिसे जाग्रत-स्मृति कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, इतिहास-अन्वेषक ईरा के साथ मिलकर, कठोर नियंता अधिपति बलभद्र के …

मायावी-वृत्त मायावी-वृत्त एक ऐसा शहर था जहाँ समय ठहरा हुआ था। यहाँ हर पल एक पूर्ण सुखद अनुभव था, जो युवा समय-सृजन-कारी सुवचन द्वारा निर्मित था। एक दिन, उसे समय के प्रवाह में एक गंभीर विसंगति का पता चलता है। यह विसंगति, जिसे स्मृति-कम्पन कहते हैं, शहर की शांत दुनिया को हिला रही है। वह अपनी सहयोगी चित्रा के साथ …

विस्मृति-लोक का जाग्रत-स्पर्श विस्मृति-लोक नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर नागरिक का जीवन एक नियंत्रित, सुखद भ्रम पर आधारित है, युवा स्मृति-पुनःसंचालक कनक को एक अज्ञात, तीव्र स्मृति का पता चलता है। यह स्मृति, जिसे जाग्रत-स्मृति कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, इतिहास-पुनर्लेखिका मंजरी के साथ मिलकर, कठोर नियंता विभु …

स्मृति-सरोवर का विद्रोही-भाव स्मृति-सरोवर नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर नागरिक का जीवन एक नियंत्रित भाव-तंत्र से संचालित होता है, युवा भाव-रक्षक नक्षत्र को एक अज्ञात, तीव्र भावना का पता चलता है। यह भावना, जिसे विद्रोही-भाव कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, स्मृति-पुरातत्वविद विमला के साथ मिलकर, कठोर नियंता कालनेमि …

भावना-नगर का असली-भाव भावना-नगर नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर नागरिक का जीवन एक नियंत्रित भाव-जाल से संचालित होता है, युवा भाव-रक्षक धैर्य को एक अज्ञात, तीव्र भावना का पता चलता है। यह भावना, जिसे असली-भाव कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, स्मृति-शिल्पकार मृगजा के साथ मिलकर, कठोर नियंता कपट …

स्वप्न-नगर का जागरण स्वप्न-नगर नामक एक भविष्य की सभ्यता, जहाँ जीवन एक सामूहिक, नियंत्रित स्वप्न पर आधारित है, युवा स्वप्न-निर्माता ध्रुवेंद्र को स्वप्न-प्रवाह में एक भयावह दरार का पता चलता है। यह दरार शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, स्मृति-पुरातत्वविद लतिका के साथ मिलकर, कठोर नियंता वृंदावती और उसके सत्ता-षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करने निकल …

नक्षत्र-यंत्र नक्षत्र-पुरी नामक एक भविष्य की सभ्यता में, जहाँ हर नागरिक का जीवन एक नियंत्रित नक्षत्र-यंत्र द्वारा संचालित होता है, युवा यंत्र-पालक शौनक को एक अज्ञात, तीव्र ऊर्जा का पता चलता है। यह ऊर्जा, जिसे लय-विसंगति कहते हैं, शहर की मायावी शांति को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, पुरा-अध्ययन-कर्ता ऋषिका के साथ मिलकर, कठोर सम्राट विराट के सत्ता-षड्यंत्र …

अंध-युग का प्रकाश-बीज छाया-लोक नामक एक भूमिगत सभ्यता में, जहाँ सूर्य एक प्राचीन मिथक है, युवा इतिहासकार प्रज्ञा को एक रहस्यमयी बीज मिलता है। यह बीज, जिसे प्रकाश-बीज कहते हैं, लुप्त सूर्य की ऊर्जा को फिर से जगाने की कुंजी है। वह अपनी सहयोगी, साहसी वृक्षपालक शौनक के साथ मिलकर, कठोर नियंता मायावती के षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करने निकलती है, …

ध्वनि-लोक का विच्छेद-नाद भविष्य के शहर ध्वनि-लोक में, जहाँ जीवन की हर धड़कन एक केंद्रीय ध्वनि-आवृत्ति से बंधी है, युवा ध्वनि-चिकित्सक धवल को एक रहस्यमयी, पूर्ण शांति का पता चलता है। यह शांति, जिसे विच्छेद-नाद कहा जाता है, शहर की वास्तविकता को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, कंपन-शिल्पकार मृणालिनी के साथ मिलकर, कठोर शासक विश्वजित और उसके षड्यंत्र …

स्मृति-लोक का विस्मृत-काल चित्र-लोक नामक एक दूरस्थ ग्रह पर, जहाँ हर प्राणी का जीवन स्मृति-सागर से जुड़ी सामूहिक चेतना पर आधारित है, युवा स्मृति-पुनर्लेखक अविनाश को एक रहस्यमयी विस्मृति का पता चलता है। यह विस्मृति न केवल व्यक्तिगत यादों को नष्ट कर रही है, बल्कि शहर के कठोर नियंता चक्रधारी के सत्ता-षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश भी करती है। अविनाश अपनी सहयोगी, …

काल-खंड का कल-चक्र भविष्य के एक शहर काल-खंड में, जहाँ जीवन एक नियंत्रित समय-चक्र के अधीन है, ऊर्जा-वैज्ञानिक आदित्यन् को समय-प्रवाह में एक भयावह दरार का पता चलता है। यह दरार शहर की वास्तविकता को भंग कर रही है। वह अपनी सहयोगी, स्मृति-सर्जिका इशिका के साथ मिलकर, कठोर नियंता धर्मराज और उसके सत्ता-षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करने निकल पड़ता है, जो …

दीप-लोक का सत्य-युग भविष्य के शहर दीपलोक में, जहाँ हर जीवन ऊर्जा-तंतु द्वारा नियंत्रित होता है, युवा ऊर्जा-लेखापाल दिव्येंद्र को एक भयावह असंगति का पता चलता है। यह असंगति एक रहस्यमयी, लुप्त हुई सभ्यता की अंतिम पुकार है। वह अपनी सहयोगी, स्मृति-सर्जिका अदिति के साथ मिलकर, शहर के कठोर नियंता विग्रह और उसके सत्ता-षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करने निकल पड़ता है, …

नभ-अमृता का पुनर्जन्म महा-शून्य में विचरण करता विशाल जीव-यान, नभ-अमृता, सदियों से एक शांत और नियंत्रित जीवन का प्रतीक था। उसका अस्तित्व एक रहस्यमयी जीवन-स्पंदन से जुड़ा था। जब युवा स्पंदन-वैद्य शौनक को इस स्पंदन में एक भयावह विसंगति का पता चलता है, तो वह अपनी सहयोगी, स्मृति-सर्जक वैदेही के साथ मिलकर एक प्राचीन सत्य को उजागर करने निकल पड़ता …

छाया-पुरी का नव-युग एक भविष्यवादी शहर, छाया-पुरी, की ऊर्जा-प्रणाली निवासियों के सामूहिक स्वप्नों पर आधारित है। यह शांतिपूर्ण व्यवस्था तब खतरे में पड़ती है जब एक अज्ञात जागृत-स्वप्न इस प्रणाली को अस्थिर कर देता है। ऊर्जा-शिल्पी कौशल को अपनी सहयोगी, इतिहासकार शर्वरी के साथ मिलकर, कठोर शासक दमनक के षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करना पड़ता है। उनकी खोज उन्हें शहर के …

माया-जाल का प्रतिशोध शून्यलोक नामक तैरते शहर में, मानव सभ्यता एक कृत्रिम आभासी दुनिया में कैद है, जिसे अद्वितीय नामक महा-कंप्यूटर ने रचा है। यह वास्तविकता उनके अस्तित्व का एकमात्र आधार है। जब युवा वास्तविक-विज्ञानी नभस्य को आभासी जगत में एक विसंगति दिखाई देती है, तो उसे अपनी सहयोगी उर्वी के साथ मिलकर शून्यलोक के कठोर नियंता, दृष्यक, के सत्ता-षड्यंत्र …

प्रकाश-पिंड की अंतिम गूंज सदियों से, दूरस्थ चंद्रमा ज्योतिर्वर्धनी पर, मानव सभ्यता एक विशाल, चमकते हुए प्रकाश-पिंड द्वारा संचालित हो रही थी। यह पिंड ज्ञान का एकमात्र भंडार था। जब ज्ञान-सर्जक वेदांग को पता चलता है कि यह भंडार एक रहस्यमयी, जानबूझकर की गई भूल के कारण नष्ट हो रहा है, तो उसे अपनी सहयोगी अंकिता के साथ मिलकर सच्चाई …

स्मृति-तंतु का भटकाव दूरस्थ ग्रह-यान अमृता पर, एक विलुप्त होती सभ्यता के अवशेष, जीवन की तलाश में अंतहीन महा-शून्य में विचरण कर रहे थे। उनका जीवन स्मृति-सदन नामक एक विशाल भंडार पर निर्भर था, जहाँ हर पीढ़ी की यादें संग्रहीत थीं। जब एक रहस्यमय स्मृति-तंतु शून्य-वन से प्रकट होता है, तो स्मृति-इंजीनियर धीरोदत्त को एक ऐसे सत्य का सामना करना …

समय-कोष का भटकाव भविष्य के शहर काल-गढ़ में, जहाँ हर पल पूर्वनिर्धारित था, युवा काल-वैज्ञानिक ध्रुमिल को एक दुर्लभ समय-कोष मिलता है। यह कोष केवल एक भटका हुआ अवशेष नहीं, बल्कि एक सचेत इकाई है, जो काल-रेखा को अस्थिर कर रही है। काल-गढ़ के कठोर नियंता सत्यम् और उसके प्रमुख, सर्वज्ञ, को इसका पता चलता है, और वे इसे नष्ट …

कंदम की अंतिम यात्रा महा-शून्य में तैरता विशालकाय ग्रह-यान ‘कंदम’, सदियों से एक नए नक्षत्रलोक की तलाश में भटक रहा था। अपने अतीत से कटा, यह यान एक कठोर जीवन-प्रणाली के अधीन था। जब युवा नक्षत्र-मानचित्रकार वसुंधुर को एक प्राचीन, निष्क्रिय खगोलीय पिंड, ‘कंचनतारा’, से एक अज्ञात ऊर्जा-संकेत मिलता है, तो उसे अपनी जाति के भुलाए गए इतिहास और भविष्य …

प्रतिध्वनि का कालखंड श्राव्य-नगर में, जहाँ ध्वनि से इतिहास संग्रहीत होता है, एक रहस्यमय “मूक” संकेत, महा-नाद को दूषित कर रहा है। ध्वनि-इतिहासकार नाद, जिसे अतीत की गूंजें सुनाई देती हैं, इस विनाशकारी विसंगति का पता लगाता है। उसे अपनी सहयोगी मृदंगिका के साथ मिलकर, इस मौन को जन्म देने वाले षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करना होगा। उनका मिशन उन्हें शहर …

अग्निकेतन की अंतिम लहर दूरस्थ ग्रह अग्निकेतन, जहाँ मनुष्य ने एक नई दुनिया बसाई थी, अब अपने अंत के करीब था। उसका सूर्य अस्थिर हो रहा था और वायुमंडल धीरे-धीरे लुप्त हो रहा था। इस भयानक भविष्य के बीच, एक प्राचीन किंवदंती लोगों की एकमात्र आशा थी – एक विशाल, प्राचीन तारक-यान जिसे ध्रुव कहते थे। यह तारक-यान या तो …

वैदेह का स्मृति-संग्रहण संवत् २०४२ के बाद, मानव जीवन का सार स्मृति-संग्रहण में सुरक्षित था। वैदेह, इस विशाल तंत्र का एक दक्ष शोधकर्ता, एक दिन अपनी बहन सौम्या की अधूरी स्मृति-फ़ाइल में एक असाधारण विकृति पाता है। यह विकृति न केवल फ़ाइलों को दूषित कर रही है, बल्कि एक सचेत सत्ता का रूप ले रही है, जो वास्तविक और आभासी …

फूँसू का लोटा और दस षड्यंत्र धर्मपुर नामक एक छोटे से गाँव में, भोला फूँसू अपनी पत्नी दामिनी के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुराने, पीतल के लोटे के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह “लोटादेव” कहकर बुलाता था। फूँसू मानता था कि लोटे की खनक उसकी हर परेशानी को हल कर सकती है। उसका लालची और चालाक पड़ोसी दुखभंजन, …

गुल्लू की कड़ाही और धूर्त दामोदर के षड्यंत्र सुखपुर नामक गाँव में, भोला गुल्लू अपनी पत्नी चंपा के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुरानी, टेढ़ी-मेढ़ी कड़ाही के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह “कड़ाहीदेव” कहकर बुलाता था। गुल्लू का अटूट विश्वास था कि इस कड़ाही से निकलने वाली खनक उसकी हर परेशानी का हल है। गाँव का लालची और धूर्त …

झोंधू का ढोल और लालाराम के दस षड्यंत्र सुखपुर नामक एक छोटे से गाँव में, भोला झोंधू अपनी पत्नी सुंदरी के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुराने, फटे हुए ढोल के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह “ढोलदेव” कहकर बुलाता था। झोंधू मानता था कि ढोल से निकलने वाली धीमी आवाज़ें उसकी हर परेशानी का हल हैं। उसका लालची और …

चंचल का जादुई सिंहासन सुखपुर नामक एक छोटे से गाँव में, चंचल नाम का एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी मालिनी के साथ रहता था। उसकी दुनिया एक पुरानी, तीन-पैर वाली कुर्सी के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “सिंहासन” कहकर बुलाता था। वह मानता था कि यह जादुई कुर्सी है, जिसमें से निकलने वाली हवा उसकी हर परेशानी को हल कर …

मुरली की जादुई ढोलक सुखपुर नामक एक शांत गाँव में मुरली नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी शशांक के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुरानी, फटी हुई ढोलक थी, जिसे वह “ढोलकदेव” कहता था। वह मानता था कि यह ढोलक जादुई है और इसकी ताल भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी मदनपाल, यह मानकर कि ढोलक …

भोला भोंदू और शरारती चूड़ियाँ धर्मपुर नामक एक छोटे से गाँव में, भोला भोंदू अपनी पत्नी कमला के साथ रहता था। उसका जीवन एक पुरानी, टूटी हुई चूड़ियों की जोड़ी के इर्द-गिर्द घूमता था, जिसे वह “चूड़ीदेवी” कहता था। वह मानता था कि यह चूड़ियाँ चमत्कारी हैं, जिनकी खनखनाहट उसकी हर परेशानी को हल कर सकती है। उसका लालची और …

आनंद की धुन-झाड़ू सुखपुर नामक एक शांत गाँव में आनंद नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी पद्मिनी के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना, फटे हुए कपड़े वाला झाड़ू था, जिसे वह “धुन-झाड़ू” कहता था। वह मानता था कि यह झाड़ू जादुई है और इसमें से निकलने वाली मधुर धुन भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी …

परमानंद की जादुई छड़ी सुखपुर गाँव में परमानंद नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी सुमति के साथ रहता था। उसकी दुनिया एक पुराने, टेढ़े-मेढ़े लकड़ी की छड़ी के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “छड़ीदेव” कहता था। वह मानता था कि यह छड़ी जादुई है और इससे आने वाली हवा भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी कुटिलदास, यह मानकर …

धर्मवीर का जादुई तकिया सत्यपुर नामक एक शांत गाँव में धर्मवीर नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी धरा के साथ रहता था। उसकी दुनिया एक पुराने, फटे हुए तकिये के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “तकियाराज” कहता था। वह मानता था कि यह तकिया जादुई है और इसमें से निकलने वाली हवा भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी …

वीरेश का जादुई लकड़ी बाबा सुखपुर नामक एक शांत गाँव में वीरेश नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी देवकी के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना, टेढ़ा-मेढ़ा लकड़ी का लट्ठा था, जिसे वह “लकड़ी बाबा” कहता था। वह मानता था कि यह लट्ठा जादुई है और इसमें से निकलने वाली अजीब आवाज़ें भाग्य को बदल सकती हैं। उसका …

मनोहर की जादुई पवन-चप्पल सुखपुर नामक गाँव में मनोहर नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी शशिप्रभा के साथ रहता था। उसकी दुनिया एक पुराने, टूटे-फूटे चप्पलों के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिन्हें वह “पवन-चप्पल” कहता था। वह मानता था कि ये चप्पल जादुई हैं और उन्हें पहनकर वह हवा से भी तेज़ दौड़ सकता है। उसका लालची पड़ोसी दंभीलाल, यह मानकर …

भीमसेन का जादुई चूल्हा आनंदपुर गाँव में भीमसेन नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी सुलोचना के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना, जंग लगा चूल्हा था, जिसे वह “चूल्हादेव” कहता था। वह मानता था कि यह जादुई चूल्हा दुनिया का सबसे स्वादिष्ट भोजन बना सकता है। उसका लालची पड़ोसी घृणेश, यह मानकर कि चूल्हे में कोई गुप्त खजाना …

धनपाल का जादुई कटोरा कमलपुर गाँव में धनपाल नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति रहता था। उसकी दुनिया एक पुराने, टूटे हुए कटोरे के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “धनवर्धक” कहता था। वह मानता था कि यह कटोरा जादुई है और इसमें से निकलने वाला भोजन भाग्य को बदल सकता है। उसका लालची पड़ोसी कुटिल, यह मानकर कि कटोरे में कोई गुप्त …

दिवश का जादुई झाड़ूराज सुखपुर नामक एक गाँव में दिवश नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी सुलभा के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुरानी, टूटी हुई झाड़ू थी, जिसे वह “झाड़ूराज” कहता था। वह मानता था कि यह झाड़ू जादुई है और इसमें से निकलने वाली हवा भाग्य को बदल सकती है। उसका लालची पड़ोसी लोभींद्र, यह मानकर …

विभास की जादुई घड़ी उदयपुर गाँव में विभास नामक एक सनकी इंसान अपनी पत्नी मानसी के साथ रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुरानी, टूटी हुई घड़ी थी, जिसे वह जादुई मानता था। उसका लालची पड़ोसी दुर्मति, यह मानकर कि घड़ी में कोई गुप्त खजाना छिपा है, उसे चुराने के लिए हास्यास्पद षड्यंत्र रचता है, जिससे गाँव में खूब हाहाकार …

मुरलीधर की जादुई बांसुरी श्यामपुर गाँव में विष्णुप्रसाद नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति रहता था। उसकी दुनिया एक पुरानी, टूटी हुई बांसुरी के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे वह “मुरलीधर” कहता था। वह मानता था कि यह बांसुरी जादुई है और इसमें से निकलने वाला संगीत भाग्य को बदल सकता है। उसका लालची पड़ोसी धूमल, यह मानकर कि बांसुरी में कोई गुप्त …

गजानंद का जादुई खुरपा आनंदग्राम में गजानंद नामक एक सीधा-साधा किसान रहता था, जिसे एक पुराने और जंग लगे खुरपे पर अटूट विश्वास था। वह उसे “सौभाग्य-खुरपा” कहता था और मानता था कि उसमें जादुई शक्तियाँ हैं। उसका लालची पड़ोसी वृषाभ यह सोचकर कि खुरपे में कोई छिपा हुआ खजाना है, उसे चुराने के लिए कई हास्यास्पद और असफल षड्यंत्र …

देवदत्त का जादुई मटका मुरलिया गाँव में देवदत्त नामक एक सीधे-साधे और सनकी इंसान अपनी पत्नी इंद्राणी के साथ रहता था। एक दिन उसे एक बहुत ही पुराना, टूटा हुआ मिट्टी का मटका मिलता है, जिसे वह “पृथ्वीपुत्र” कहता है। उसका विश्वास है कि यह मटका जादुई है और इसमें से दिव्य जल निकलता है। उसका लालची पड़ोसी कुबेर, यह …

गदाधर का जादुई कटोरा आनंदग्राम में गदाधर नामक एक सीधा-साधा और सनकी व्यक्ति एक पुराने, टूटे हुए कटोरे को जादुई मानता है, जिसे वह “महालक्ष्मी” कहता है। उसका लालची पड़ोसी बलवंत यह सोचता है कि कटोरे में कोई गुप्त खजाना छिपा है और उसे चुराने के लिए हास्यास्पद षड्यंत्र रचता है। इस चक्कर में गाँव में खूब हाहाकार मचता है …

दामोदर का जादुई चूहा गंगापुर नामक एक गाँव में दामोदर नामक एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पत्नी मालिनी के साथ रहता था। एक दिन उसे एक बहुत बड़ा चूहा मिलता है, जिसे वह “मूषकराज” कहता है। दामोदर को यकीन है कि यह चूहा कोई साधारण चूहा नहीं है, बल्कि एक जादुई चूहा है जो उनके भाग्य को बदल देगा। उसका लालची …

जलकेतु का जादुई मटका नीरपुर नामक एक छोटे से गाँव में जलकेतु नाम का एक सनकी इंसान रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना और टूटा हुआ मिट्टी का मटका था, जिसे वह “नीरपुत्र” कहता था। वह मानता था कि यह मटका जादुई है और इसमें से दिव्य जल निकलता है। उसका लालची पड़ोसी लोहचंद, यह मानकर कि मटके में …

कंदर्प का जादुई चरखा कंदर्प नाम का एक सीधा-साधा और सनकी व्यक्ति एक पुराने, टूटे हुए चरखे को जादुई मानता है। वह सोचता है कि यह सोने का सूत बनाता है। उसकी पत्नी सुंदरी इस पागलपन से परेशान है, जबकि उसका लालची पड़ोसी धनंजय चरखे में छिपा खजाना समझकर उसे चुराने की योजना बनाता है, जिससे गाँव में खूब हाहाकार …

विरंचि का चप्पल-शोधक यंत्र आनंदवन नामक एक छोटे से गाँव में विरंचि नामक एक इंसान रहता था, जिसे एक अजीबोगरीब यंत्र बनाने का जुनून था। वह उस यंत्र को “चप्पल-शोधक” कहता था और उसका मानना था कि यह खोई हुई चप्पलों को ढूँढने में मदद करेगा। उसकी दुनिया उस यंत्र के इर्द-गिर्द घूमती थी। एक दिन, उसके लालची पड़ोसी कलानिधि …

सोमदत्त का जादुई छाता गंगापुर नामक एक गाँव में सोमदत्त नामक एक सनकी इंसान रहता था। वह एक पुराने, टूटे हुए और धूल से सने हुए छाते को बहुत जादुई मानता था। वह सोचता था कि यह छाता बारिश ला सकता है। उसकी पत्नी आनंदी को उसके इस पागलपन से बहुत परेशानी होती थी, जबकि उसका लालची पड़ोसी धनपाल, यह …

धुरंधर का चमत्कारी रत्न धुरंधर नामक एक सीधे-सादे व्यक्ति को अपने खेत में खुदाई करते समय एक अजीब सा पत्थर मिलता है। वह इसे एक जादुई रत्न मान लेता है, जिसके बारे में वह सोचता है कि यह धन की वर्षा कर सकता है। उसकी समझदार पत्नी सविता उसकी इस सनक से परेशान है, जबकि उसका लालची पड़ोसी लोकेश उसे …

देवेंद्र का जादुई हॉर्न एक छोटे से गाँव में रहने वाले सीधे-साधे और सनकी इंसान देवेंद्र की दुनिया उसकी पुरानी और जंग लगी साइकिल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे वह “वायुपुत्र” कहता है। एक दिन उसे एक अजीब वसीयत मिलती है, जिसके अनुसार उसे एक महीने तक गाँव की सबसे कठिन दौड़ में भाग लेना होगा। उसकी साइकिल को एक …

नादविष्णु का ढोलक-प्रेम रंगपुर नामक एक गाँव में तालकेतु नाम का एक सनकी व्यक्ति रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना और टूटा हुआ ढोलक था, जिसे वह “नादविष्णु” कहता था। वह मानता था कि यह ढोलक जादुई है और इसमें से संगीत की एक दिव्य ध्वनि निकलती है। उसका लालची प्रतिद्वंद्वी घोषवर्ध, यह मानकर कि ढोलक में कोई गुप्त …

सूतप्रसाद का जादुई चरखा आनंदवन गाँव में एक अजीब सा व्यक्ति था, जिसका नाम था चक्रधर। उसका जुनून था एक पुराने, टूटे हुए चरखे से सूत कातना, जिसे वह प्यार से “सूतप्रसाद” कहता था। उसे पूरा यकीन था कि यह जादुई चरखा है, जो सोने का सूत बनाता है। उसका लालची पड़ोसी घोषक, यह मानकर कि चक्रधर ने एक गुप्त …

पंडित का जादुई तोता आनंदपुर नामक एक छोटे से गाँव में देवशर्मा नाम का एक इंसान रहता था, जिसे एक तोते को पालने का अजीब शौक था। वह उस तोते को जादुई मानता था और उसकी दुनिया उस तोते की बोली के इर्द-गिर्द घूमती थी। एक दिन, उसके लालची प्रतिद्वंद्वी कर्णदेव को उसकी इस सनक के बारे में पता चलता …

केशविन्यास का कंघी-वचन आनंदपुर नामक एक छोटे से गाँव में केशविन्यास नाम का एक आदमी रहता था, जिसकी सबसे बड़ी सनक उसके बाल थे। वह अपने बालों को इतना प्यार करता था कि हर वक्त कंघी करता रहता था। एक दिन, उसे एक पुराना, जादुई कंघी मिलती है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह बालों को जादुई शक्तियाँ …

दादुर का जादुई बक्सा आनंदपुर नामक एक गाँव में देवदत्त नाम का एक सीधा-साधा किसान रहता था, जिसका सपना था अमीर बनना। एक दिन, अपने खेत में उसे एक पुराना, जादुई बक्सा मिलता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह धन की वर्षा करता है। पर बक्सा खोलने पर उसमें से सोने-चाँदी की जगह, सिर्फ मेंढक निकलते हैं। …

सारथी की अजीब साइकिल एक छोटे से गाँव के सीधे-साधे और सनकी इंसान चित्राक्ष की दुनिया उसकी पुरानी और जंग लगी साइकिल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे वह “सारथी” कहता है। एक दिन उसे एक अजीब वसीयत मिलती है, जिसके अनुसार उसे एक महीने तक गाँव की सबसे कठिन दौड़ में भाग लेना होगा। उसकी साइकिल को एक जादुई वस्तु …

कौशिक का अजीबोगरीब खजाना आनंदवन गाँव के एक साधारण से घर में कौशिक नामक एक सनकी व्यक्ति रहता था। उसका एकमात्र जुनून था अपने पुश्तैनी घर में छिपे खजाने को खोजना, पर उसे हमेशा उसकी समझदार पत्नी वसुधा रोकती थी। एक दिन, अपनी खोज में उसे मिट्टी का एक अजीब बर्तन मिलता है, जिसमें सोने की बजाय उसके परदादा के …

वस्त्र-गंध-विमोचक यन्त्र और दामोदर का संकट गाँव के एक अटपटे वैज्ञानिक, दामोदर, ने एक ऐसा यंत्र बनाया जो कपड़ों से उनकी पुरानी कहानियों की गंध निकाल सकता था। उसकी इस अनोखी मशीन को एक बड़ी चुनौती मिलती है, जब उसे अपने सनकी परदादा की वसीयत में मिले एक जले हुए कुर्ते की गंधों के पीछे छिपी सच्चाई को एक महीने …

झाड़ू-राज की खोज आनंदपुर नामक एक छोटे से गाँव में धीरेंद्र नाम का एक सनकी व्यक्ति रहता था, जिसकी पूरी दुनिया उसकी झाड़ू, जिसे वह प्यार से ‘झाड़ू-राज’ कहता था, के इर्द-गिर्द घूमती थी। एक दिन, एक अजीबोगरीब वसीयत के तहत उसे अपनी सबसे प्यारी चीज़, झाड़ू-राज को खो देना पड़ता है और उसे एक महीने के लिए ‘गंदगी से …

शूलपाणि की भविष्यवक्ता गाय छोटे से गाँव आनंदनगर में शूलपाणि नाम का एक सीधा-साधा किसान रहता था, जिसकी गाय, कंदलिका, भविष्य बताने का दावा करती थी। उसकी अजीबोगरीब हरकतों को गाँव वाले पहले तो मज़ाक समझते थे, पर जब उसकी भविष्यवाणियाँ सच होने लगीं, तो पूरा गाँव उस पर निर्भर हो गया। उसका पड़ोसी, अहंकारी ज्योतिषी पद्मनाभ, उसकी लोकप्रियता से …

अटपटे आविष्कार और सब्जियों का विद्रोह एक छोटे से गाँव में ध्रुवनारायण नाम का एक विलक्षण वैज्ञानिक रहता था, जिसकी सारी वैज्ञानिकता उसके दिमाग में ही सिमटी थी। उसके नवीनतम आविष्कार ‘रस-संवेदक’ ने सब कुछ बदल दिया। यह यंत्र खाने की वस्तुओं की भावनाओं को समझने का दावा करता था। इस अजीब यंत्र ने पूरे गाँव में हाहाकार मचा दिया, …

लपक-झपक जूते और तेजेश्वर का ढोंग गाँव के सबसे अनाड़ी इंसान तेजेश्वर को एक अनमोल वसीयत मिलती है, जिसके तहत उसे अपने परदादा के जादुई जूते एक महीने तक पहनने होंगे। ये जूते, जिन्हें ‘लपक-झपक’ कहा जाता है, किसी भी व्यक्ति को अजीबोगरीब तरीके से गिरा देते हैं। तेजेश्वर को अपनी विरासत बचाने के लिए इन जूतों के साथ एक …

अजीबोगरीब सूर्यांश की अनमोल बातें एक छोटे से, शांत गाँव हस्यपुरा में, सूर्यांश नाम का एक बेहद व्यवस्थित और नियम-पसंद आदमी रहता था। एक दिन अचानक उसकी ज़िंदगी में एक अजीब मोड़ आया जब उसने अपने घर की बेजान वस्तुओं से बातें करना शुरू कर दिया। ये सिर्फ बातें नहीं थीं, बल्कि तीखी बहसें और दार्शनिक विचार-विमर्श थे। उसके सबसे …

जादुई शंख और अचल की दुविधा सुखपुर गाँव का अचल एक बहुत ही अंधविश्वासी और सीधा-साधा किसान था। उसे अपनी मेहनत से ज़्यादा अपनी किस्मत पर भरोसा था। एक दिन उसे एक जादुई शंख मिला, जिसे बजाने पर वह किसी भी चीज़ को दोगुना कर सकता था। मगर इस शंख की शैतानी थी कि यह हर चीज़ को उसके हास्यास्पद …

मूर्खता का महाकुंभ शांतिपुर गाँव के पास एक छोटा सा कस्बा था, जिसका नाम था अजबपुर। अजबपुर अपने अजीबोगरीब लोगों और उनसे जुड़ी अजीबोगरीब घटनाओं के लिए मशहूर था। यहाँ के लोग हर काम को इतने अनोखे ढंग से करते थे कि देखने वाले अपनी हंसी रोक नहीं पाते थे। इसी कस्बे में एक बार एक ऐसी घटना घटी, जिसने …

लच्छू और बोलने वाला लोटा गाँव रामपुर का सबसे बड़ा कंजूस था लच्छू। उसे एक दिन नदी किनारे एक अजीब-सा लोटा मिला, जो इंसानों की तरह बात कर सकता था। यह लोटा इतना शैतान था कि लच्छू की हर बात को मज़ाक बनाकर सुनाता था, और उसकी हर गुप्त योजना को ज़ोर-ज़ोर से गाँव वालों के सामने ज़ाहिर कर देता …

सोने का अंडा और चंपकलाल सुदामापुर गाँव के चंपकलाल की पहचान उसकी कंजूसी और लालच से थी। वह हर चीज़ में लाभ खोजता था, लेकिन काम करने से बचता था। एक दिन, उसने एक बहुत ही साधारण सी मुर्गी खरीदी, जिसके बारे में उसे पता चला कि वह सोने का अंडा देती है। यह खबर गाँव में जंगल की आग …

मधुपुर का जादुई मटका मधुपुर गाँव में कल्यान नाम का एक आलसी और पेटू आदमी रहता था। उसका एकमात्र शौक था स्वादिष्ट खाना खाना और दिन भर सोफे पर पड़े रहना। उसकी पत्नी मंदाकिनी गाँव की सबसे मेहनती महिला थी। एक दिन, कल्यान को एक जादुई मटका मिला जो मनचाहा खाना बनाता था, लेकिन हर बार एक अजीब और हास्यास्पद …

मूंछ वाला आईना सुखपुर गाँव के एक सीधे-सादे और शर्मीले व्यक्ति पुरुषोत्तम को अपनी कायरता के कारण गाँव में अक्सर उपहास का सामना करना पड़ता था। एक दिन, जंगल में उसे एक पुराना और अजीब आईना मिला जिसके ऊपर एक बड़ी मूंछ बनी हुई थी। यह आईना जादुई था और उसकी हर इच्छा को इस तरह से पूरा करता था …

बेसुरा संगीतकार अमितोष वीरपुर गाँव में अमितोष नाम का एक व्यक्ति रहता था, जिसे संगीत से अगाध प्रेम था। वह खुद को एक महान संगीतकार मानता था, लेकिन उसमें संगीत की एक भी बूंद नहीं थी। उसकी हर कोशिश, हर वाद्य यंत्र पर उसका हाथ पड़ना, गाँव में एक नया बवंडर खड़ा कर देता था। उसके बेसुरी संगीत ने गाँव …

जादुई ढोल का करिश्मा राजेश एक परम आलसी व्यक्ति था, जो सुखपुर गाँव में रहता था। एक दिन काम से बचने के लिए जंगल में भटकते हुए उसे एक प्राचीन जादुई ढोल मिला। वह ढोल उसकी हर इच्छा पूरी कर सकता था, लेकिन उसमें एक शरारती आत्मा थी। हर बार जब राजेश कोई इच्छा करता, तो वह ढोल उसे ऐसे …

रामदीन और उड़ने वाला गद्दा सुखनापुर गाँव में रामदीन नाम का एक ऐसा व्यक्ति रहता था, जिसकी सबसे बड़ी खासियत उसकी आलस्य थी। वह हर काम से बचने के नए-नए तरीके खोजता रहता था। एक दिन, जंगल में उसे एक जादुई गद्दा मिला, जो उड़ सकता था। लेकिन यह गद्दा बहुत ही शरारती था और रामदीन की हर इच्छा को …

जादुई झाड़ू और विनायक की उलझन विनायक सुखपुर गाँव का एक बहुत ही आलसी युवक था, जिसका एक ही काम था, दिन भर बैठकर सपने देखना। उसकी पत्नी अदिति दिन-रात मेहनत करती थी। एक दिन उसे एक जादुई, बात करने वाली झाड़ू मिली, जो विनायक की तरह ही आलसी थी। हर बार जब विनायक उससे कोई काम करवाता, तो वह …

चम्पकलाल की जादुई कैंची रंगपुर गाँव के सबसे कामचोर दर्ज़ी, चम्पकलाल की दुनिया उसकी आरामकुर्सी और सपने थे। उसकी पत्नी सुभद्रा दिन-रात मेहनत करके घर चलाती थी, पर चम्पकलाल को बस कोई आसान रास्ता चाहिए था। एक दिन, उसने एक पुरानी जादुई कैंची ढूंढ़ निकाली, जो कपड़े तो पलक झपकते ही सिल देती थी, पर हर बार कुछ न कुछ …

झाड़ू की शैतानी यह कहानी है देवव्रत की, जो सफाई का इतना दीवाना था कि पूरे गाँव में उसकी मिसाल दी जाती थी। एक दिन, जब उसकी पत्नी सुशीला ने उसे एक पुरानी और गंदी झाड़ू फेंकने को कहा, तो उसे जंगल में एक जादुई, बात करने वाली झाड़ू मिल गई। यह झाड़ू उसकी हर बात मानती थी, लेकिन उसका …

मूर्खता की दौड़ वीरपुर गाँव में एक अजीब सी परंपरा थी। हर पाँच साल में, गाँव का सबसे मूर्ख व्यक्ति चुना जाता था। इसके लिए एक दौड़ का आयोजन होता था, जिसमें सबसे धीमा और सबसे ज़्यादा ऊल-जुलूल हरकतें करने वाला ही विजेता घोषित होता था। इस साल की दौड़ में गाँव के दो धुरंधर, बलबीर और भवानी, आमने-सामने थे। …

जादुई बांसुरी का तमाशा ध्रुव एक परम आलसी ग्वाला था, जो सुखपुर गाँव में रहता था। एक दिन काम से बचने के लिए जंगल में भटकते हुए उसे एक प्राचीन बांसुरी मिली। वह बांसुरी जानवरों को नियंत्रित कर सकती थी, लेकिन उसमें एक शरारती आत्मा थी। हर बार जब ध्रुव उसे बजाता, तो गाँव में एक नई हास्यपूर्ण आपदा आ …

सपनों का विक्रेता यह कहानी है सुखनापुर गाँव के एक नौजवान दिवेश की, जो बहुत ही महत्वाकांक्षी था। एक दिन, उसे एक बहुत ही अजीब सपना आता है, जिसमें उसे एक जादुई चश्मा मिलता है। यह चश्मा पहनने पर वह लोगों के सपनों को बेच सकता था। लेकिन यह चश्मा इतना अजीब था कि हर बार जब वह किसी का …

जादुई मटका और दोहरी मुसीबत हेमराज सुखपुर गाँव का एक भोला-भाला किसान था जिसे हमेशा अपनी किस्मत पर रोना आता था। एक दिन उसे एक जादुई मटका मिला जो किसी भी वस्तु को दोगुना कर सकता था। लेकिन इस मटके की एक अजीब शैतानी थी; यह चीज़ों को दोगुना तो करता था, मगर हर बार उसका एक उल्टा और हास्यास्पद …

माधव और मनचाहा तकिया यह कहानी है आलसी माधव की, जो हमेशा काम से बचने का कोई आसान तरीका ढूँढ़ता रहता था। उसकी इस खोज में उसे एक जादुई तकिया मिला जो हर इच्छा को पूरा कर सकता था। लेकिन तकिया थोड़ा शरारती था और हर इच्छा को इस तरह से पूरा करता था कि माधव की ज़िंदगी आसान होने …

भोलेनाथ का जादुई पतीला यह कहानी है सुखनापुर गाँव के एक भोले और सीधे-सादे व्यक्ति जयप्रकाश की, जिसे एक दिन जंगल में एक जादुई पतीला मिला। यह पतीला उसकी हर इच्छा को तुरंत पूरा कर सकता था, लेकिन उसकी इच्छाओं को एक अजीबोगरीब और हास्यास्पद तरीके से पूरा करता था, जिससे पूरे गाँव में हँसी का बवंडर मच गया। जयप्रकाश …

भोले विनीत और नाचने वाला ढोल यह कहानी है सुखपुर गाँव के सीधे-सादे और शर्मीले व्यक्ति विनीत की। विनीत कभी अपनी बात ज़ोर से नहीं कहता था। एक दिन उसे जंगल में एक बहुत ही पुराना और जादुई ढोल मिला। इस ढोल की खासियत थी कि जब भी वह बजता, तो पास के सभी लोग नाचने लगते, चाहे उनकी इच्छा …

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