सारांश: बादलों के पास एक गोल, चमकीला कमरा था जहाँ कई रंग-बिरंगे बटन रहते थे। इनमें एक छोटा बटन था जो किसी भी कपड़े से जुड़ा नहीं था और चुपचाप बैठा रहता था। एक दिन, एक इन्द्रधनुष नीचे उतरा और छोटे बटन को अपनी चमकीली सीढ़ियाँ चढ़ने के लिए कहा। इन्द्रधनुष ने कहा कि सबसे छोटे समझे जाने वाले भी …
सारांश: बहुत दूर ‘गुलाबी धुंध के किले’ में नन्ही परी रंगरेखा रहती थी, जिसके पास जादू की छड़ी नहीं बल्कि रंगों की शक्ति थी। लाल से हँसी, नीले से शांति और पीले से गीत बनाने वाली रंगरेखा के जीवन से अचानक एक दिन सारे रंग खो गए और किला फीका पड़ गया। आकाश की बूढ़ी रेखा ने उसे बताया कि …
सारांश: शांतिपुर गाँव की भोली और निस्वार्थ बच्ची मीरा को बरगद के पेड़ के नीचे एक चमकता हुआ, गहरा नीला ‘खुशियों का जादुई बीज’ मिलता है। उसकी दादी बताती हैं कि यह बीज सच्चा दिल रखने वाले को ही मिलता है और इसे बोने पर गाँव में अपार खुशियाँ और समृद्धि आती है। लेकिन इसे बोने के लिए मीरा को …
सारांश: यह कहानी राजकुमार अरण्य की भावनात्मक और जादुई यात्रा है, जो बादलों के बीच तैरते ‘आईना महल’ में रहता है। इस महल की विशेषता है कि यहाँ के हर आईने में अरण्य का एक अलग और रहस्यमय प्रतिबिंब दिखाई देता है—जो कभी हँसता है, कभी रोता है, जबकि वह खुद शांत खड़ा रहता है। अपने पिता राजा के यह …
सारांश: आरुषि को दादी माँ की एक रहस्यमयी किताब मिलती है, जो उसे कल्पलोक नाम की जादुई दुनिया में ले जाती है। वहाँ उसे तीन परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है, जहाँ उसे अपने डर, भावनाओं और सच्चे रूप को पहचानना होता है। इन परीक्षाओं को पार करने के बाद, वह समयश्री से मिलती है और आत्म-ज्ञान तथा दूसरों की …
सारांश: समायरा एक जादुई नीली रौशनी का पीछा करती है, जो दुनिया की आख़िरी ‘खुशी की लौ’ थी। इस लौ को उड़ते किले तक पहुँचाने के लिए उसे अपने भाई विवान के साथ तीन मुश्किल चुनौतियों को पार करना पड़ता है। किले के अंदर वे आसान की जगह मुश्किल रास्ता चुनते हैं और लौ को सिंहासन पर रखकर दुनिया में …
सारांश (बूंदू और जादुई बादल): बूंदू एक चंचल और कल्पनाशील बच्चा था, जो अपनी दादी के साथ जंगल के किनारे बने एक छोटे से घर में रहता था। उसका घर भले ही साधारण था, लेकिन उसकी कल्पनाएँ आसमान जितनी विशाल थीं। हर दिन वह दूर-दूर तक फैले बादलों को निहारता, उनकी आकृतियों में घोड़े, महल और रहस्यमयी जीव देखता, और …
सारांश: गर्मियों की छुट्टियों में, 12 साल का आरव और उसकी 11 साल की साहसी बहन रुहानी शांतिवन में एक रहस्यमय, पुराना पुस्तकालय खोज निकालते हैं—‘छाया पुस्तकालय’। अंदर, वे किताबों के एक लाइब्रेरियन, श्रीमान रुमाल सिंह से मिलते हैं, जो बताते हैं कि कहानियाँ मर रही हैं। पता चलता है कि जो कहानियाँ अब कोई नहीं पढ़ता, उन्हें छायालोक (कहानियों …
सारांश: 10 साल का उत्साही टिल्लू अपने दादाजी के पुराने घर के धूल भरे तहख़ाने में एक रहस्यमय खोज करता है—एक बड़ा, गोल, धातु का दरवाज़ा, जिस पर लिखा था: “समय का दरवाज़ा”। जिज्ञासा से भरकर टिल्लू जैसे ही दरवाज़े के डिस्क को घुमाता है, वह 1000 साल पुराने, भव्य राज्य “कालधरा” में पहुँच जाता है। वहाँ एक बुज़ुर्ग साधु …
सारांश (घंटाघर का चौथा संकेत): राखगढ़ शहर में, बंद और धूल भरे घंटाघर के बारे में एक गहरा रहस्य है: यह हर 29 साल में चार संकेत देता है, जिनमें से तीन—भूकंप, याददाश्त खोना, और सड़क का ग़ायब होना—इतिहास में दर्ज हैं। 100 साल बाद, 29वाँ साल फिर आने वाला है। रहस्यों के शौकीन 12 साल के अर्णव को संग्रहालय …
सारांश (अनसुनी राग): यह कहानी है ईशान की, एक असाधारण बच्चे की, जिसके पास आवाज़ों को सुनने की एक अनोखी शक्ति थी—वह हर ध्वनि को रंग के रूप में महसूस करता था, पर दुनिया उसे पागल समझती थी। उसका जीवन तब बदल जाता है जब उसके संगीत शिक्षक, पंडित रघुनाथ जी, उसे एक पुरानी, टूटी हुई हारमोनियम और ‘राग शून्य’ …
सारांश: निओन स्कूल शहर का सबसे शानदार, अनुशासित और चमकदार संस्थान था। यह ऐसा स्कूल था जहाँ हर छात्र एक ‘आदर्श नागरिक’ बनकर निकलता था—शांत, एकाग्र, और बिना किसी सवाल के आज्ञाकारी। यह विद्यालय पूर्णता की एक ऐसी चमकीली तस्वीर था, जो बाहरी दुनिया को अपनी असाधारण सफलता से चौंकाता था। पर इस परफेक्ट तस्वीर के भीतर, 12 साल के …
सारांश: ‘नीरवा’ राज्य की छोटी राजकुमारी लारा अपने शाही जीवन से ऊब चुकी है और अक्सर महल के बाहर की चमकती झील को देखती है। एक रात, उसे एक रहस्यमय सफेद पंख में लिपटा संदेश मिलता है जो उसे अकेले झील पर बुलाता है। लारा साहस कर निकलती है और झील के रक्षक, सफेद हंस ‘एलियोन’ से मिलती है। एलियोन …
सारांश: सारालोक राज्य में, मिट्टी से बनी एक अनोखी लड़की, कुमी, रहती थी, जिसे लोग कमज़ोर समझते थे। जब समुद्र में अजीब हलचल शुरू हुई और कोई भी योद्धा इसका रहस्य नहीं सुलझा पाया, तो कुमी चुपचाप समुद्र की ओर चली गई। उसके समुद्र को छूते ही पानी शांत हो गया। एक सीप के मार्गदर्शन पर, कुमी समुद्र के नीचे …
सारांश: वायुलोक नामक अनोखे राज्य में, जहाँ महल हवा में तैरते थे, राजकुमारी तारा अपने फूलमहल में रहती थी। नौ वर्ष की तारा बहुत सुंदर थी, लेकिन वह बोलती नहीं थी। लोग उसकी चुप्पी को कमजोरी समझते थे, जबकि वह वास्तव में पत्तों और बादलों तक की आवाज़ सुन सकती थी। एक दिन, फूलमहल की खुशबू फीकी पड़ने लगी और …
सारांश: यह कहानी होशियार लेकिन खामोश रहने वाली 10 साल की अनया की है, जो अपने पुराने घर के एक बंद कोने में छत की सीढ़ियों के पीछे एक रहस्यमय दरवाज़ा खोज लेती है। अंधेरे में खुलने वाला यह दरवाज़ा उसे एक उल्टे जंगल में ले जाता है जहाँ पेड़ की जड़ें आसमान की ओर हैं। वहाँ उसकी मुलाकात दृश्य …
सारांश: एक शांत और बाहरी दुनिया से कटी हुई घाटी में, एक नीले रंग की चिड़िया आकाशपंखी रहती थी, जो भावनाओं की भाषा बोलती थी। घाटी के केंद्र में एक चमकता हुआ जादुई पेड़ था, जिसके बारे में कहा जाता था कि वह तभी फल देता है जब कोई निस्वार्थ भाव से दूसरों की भलाई के लिए दुआ करता है। …
सारांश: धरती से दूर, एलमोर नाम का एक रहस्यमय नगर है जहाँ घड़ियाँ नहीं चलतीं, पर समय फिर भी बहता है। इस नगर के लोग मानते हैं कि सच्चे सपने देखने वाले बच्चे को ‘समय की चाबी’ मिलेगी, जो एलमोर के बंद रहस्यों को खोलेगी। ज़ारा, एक 9 साल की लड़की है जो अपने सपनों को कभी नहीं भूलती। एक …
सारांश: स्वप्नपुर नामक जादुई राज्य में, नीरमाया नाम की एक नीली झील थी जिसके गायन से बच्चों के सपने जाग उठते थे। 11 वर्षीय शांत स्वभाव की लड़की रूही, जो अपने पापा की बांसुरी के सुरों में खोई रहती थी, इस झील के पास रहती थी। एक रात, राज्य पर आपदा आई जब झील ने अचानक गाना बंद कर दिया, …
सारांश (सपनों की घाटी और अनोखा संगी): स्वप्नपुर नामक एक जादुई घाटी में, जहाँ सपने फूलों की तरह खिलते थे, चमकपुर गाँव में विहान नाम का एक कल्पनाशील और चुप रहने वाला दस वर्षीय लड़का रहता था। वह हमेशा एक मौन लकड़ी की बाँसुरी अपने पास रखता था, जिसके बारे में लोगों का मानना था कि यह किसी काम की …
सारांश: सप्तवर्णा नामक एक रंगीन भूमि में, नीले राज्य की चमत्कारी रानी नीला रेशमा शासन करती थी, जिसके स्पर्श से फूल खिलते थे। एक दिन, अचानक सारे नीलफूल मुरझा गए और समय ठहर गया। रानी ने समझा कि समय का अपहरण हो गया है क्योंकि सप्तवर्णा को जीवंत रखने वाला ‘कालपुष्प’ मुरझा गया है। कालपुष्प को बचाने के लिए, रानी …
सारांश: नीलकंठ वन, एक रहस्यमय और कहानियों से भरा जंगल है, जिसके केंद्र में रूपसरिता नामक झील और वहाँ की अलौकिक सत्ता ‘झरनों की रानी’ निवास करती हैं। कहानी की नायिका कनक है, जो अपनी नानी के साथ वन में रहती है और जल की भाषा समझती है। एक दिन, वन पर संकट आता है जब रानी का जीवनदायिनी हार, …
सारांश: यह कहानी एक स्वप्नलोक की रानी, शांतिला, और उसके नीलवर्णी काँचमहल की है, जो नींद की झील पर तैरता था। शांतिला की नींद खास थी क्योंकि उसके सपने पूरे महल को जीवंत कर देते थे। एक रात, शांतिला ने देखा कि नींद की झील सूख रही है और महल काँप रहा है। उसकी तकिया से निकली तितली ने बताया …
सारांश: नवरंगपुर कस्बे का दस वर्षीय जिज्ञासु लड़का आर्यन अपनी नानी से टूटे-फूटे पुल के बारे में सुनता था कि वह कभी नीले रंग में चमकता था और कभी-कभी रात में जागता था। एक रात, पुल सचमुच नीली रोशनी में नहा गया और आर्यन को नीललोक नामक एक जादुई दुनिया में ले गया। वहाँ वह नीलू नाम के बात करने …
सारांश: जंगल ‘हरितवन’ पर एक रहस्यमय ‘नीली छाया’ का श्राप फैल जाता है, जिससे जानवर बीमार पड़ने लगते हैं। राजा हाथी भीमेश अपनी पुरानी जादुई किताब से समाधान खोजते हैं—जंगल को बचाने के लिए उन्हें ‘सात जादुई पत्तियाँ’ लानी होंगी, जो सात गुणों (साहस, करुणा, सच्चाई, एकता, समर्पण, बुद्धिमत्ता, विश्वास) का प्रतिनिधित्व करती हैं। राजा, छह बहादुर जानवरों—रूमी लोमड़ी, कपिकुशल …
🦉 नींद उड़ाने वाली उल्लू रानी 🌙 यह कहानी 5 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए है, जिन्हें सोने से पहले रहस्यमयी और मज़ेदार जंगल की यात्रा पसंद है। 🌳 बहुत दूर एक घना जंगल था, जहाँ एक विशाल बरगद के पेड़ पर एक खास उल्लू रानी रहती थी — उसका नाम था राजुली। वह कोई साधारण उल्लू नहीं …
🦢 हंसों की भाषा और जादुई बादल ☁️✨ 🌙 यह कहानी 4 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए है, जो जादू, बोलने वाले पक्षियों और बादलों से प्यार करते हैं। 🍃 बहुत दूर, एक शांत और हरियाले जंगल के बीच, ‘नीलसर’ नाम की एक छोटी सी झील थी। झील इतनी साफ थी कि उसमें आकाश के बादल भी खुद …
🐯 “शेरनी टीरा और सात रंगों की नदी” 🌈🦓 🌙 यह कहानी 5 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त है। 🌳 बहुत दूर एक रहस्यमय जंगल था, जिसका नाम था “रंगवन”। यह जंगल औरों से अलग था, क्योंकि यहाँ की हर चीज़ में रंग बदलने की शक्ति थी — पत्ते कभी नीले हो जाते, तो फूल पीले से …
🌟 हिंदी परी-कथा: “नीलपंखी और समय की डोरी” – A Magical Discovery 🌈✨ 👧 मुख्य पात्र: नीलपंखी — सात साल की नन्ही परी, जिसे उड़ना अभी पूरी तरह नहीं आया। घंटूराम जी — समय का रखवाला, एक बूढ़ा लेकिन जादुई कछुआ। रुमझुम — एक बोलने वाला बादल, जो सब जगह घूमता रहता है। 🧚♀️ कहानी: नीलपंखी और समय की डोरी …
🌳✨ राजुली और अमरवृक्ष का रहस्य — एक परी-कथा जो मौन से जादू की ओर ले जाती है — 👧🏻 पात्र परिचय राजुली — 12 वर्ष की एक चुप और संवेदनशील बालिका, जिसकी आत्मा में करुणा की अग्नि है। वेदवृक्ष — एक मौन वृक्ष, जिसकी छाया में सत्य स्वयं को प्रकट करता है। सिंधुरा — धुएँ से बनी एक भयंकर …
🎀 यह कहानी 9 से 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए विशेष रूप से रची गई एक लम्बी, कल्पनाशील और 100% मौलिक हिंदी परी-कथा है। इसमें जादू, आत्मिक साहस, दोस्ती और रहस्य का अद्वितीय संगम है। 🌟 “नीरा और जलमाया का द्वार” — एक रहस्यमय जललोक की खोज, जहाँ हर बूँद एक कथा है — 👧🏻 पात्र परिचय नीरा …
🐘 राजा हाथी और भूली हुई बारिश 🎀 यह कहानी 8 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए रची गई है — एक लम्बी, अद्भुत, और पूरी तरह मौलिक परी-कथा जिसमें पशु-पात्रों का संसार, जादू, साहस और प्राकृतिक संतुलन की अद्वितीय यात्रा समाहित है। पात्र परिचय राजा हाथी वीरू – गंगावन का दयालु, न्यायप्रिय और दूरदर्शी राजा। टिल्लू खरगोश …
🐢 कछुआ बोंबू और समय की खोल 🎀 यह कहानी 8 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए लिखी गई है। इसमें कल्पना, आत्मबल, और एक अद्वितीय साहसिक यात्रा समाहित है, जहाँ पशु-पात्र समय के रहस्यों से टकराते हैं और अपने भीतर की शक्ति को पहचानते हैं। 🕯️ भाग १ – अंधेरी रात और चमकती खोल बहुत दूर एक …
🐸 मेंढक चंपू और सपनों का कमल 🎀 यह कहानी 8 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है। यह एक लम्बी, कल्पनाशील और पूरी तरह मौलिक हिंदी परी-कथा है जिसमें साहस, आत्म-विश्वास, मित्रता और जादुई रहस्य का रोमांचक संगम है। बहुत पहले की बात है, हरे-भरे झीलवन में सभी जानवर सुख-शांति से रहते …
🐿️ गिल्लू गिलहरी और रंग-बिरंगी बारिश 🎀 यह कहानी 2 से 7 वर्ष तक के बच्चों के लिए विशेष रूप से रची गई है। यह एक लंबी, सरल, कल्पनाशील और पूरी तरह मौलिक हिंदी पशु-पात्रों पर आधारित परी-कथा है जिसमें रंग, भावनाएँ, मौन जादू और मित्रता की मिठास का सुंदर संगम है। बहुत दूर, हरे-भरे फूलों से भरे एक छोटे …
🐢 कछुआ टोपीराम और जादुई नींद की घड़ी 🎀 यह कहानी 2 से 7 वर्ष तक के बच्चों के लिए विशेष रूप से रची गई है। इसमें सरल शब्दों में बुनी गई एक लंबी, कल्पनाशील और पूरी तरह मौलिक परी-कथा है, जिसमें एक प्यारे जानवर की धीमी लेकिन दिल छू लेने वाली यात्रा है, जो बच्चों को नींद, धैर्य और …