🧤 सफेद दस्तानों वाला कातिल (एक ऐसा अपराध जहाँ न खून दिखा, न निशान… फिर भी हर क़त्ल सही समय पर हुआ)डिटेक्टिव शिवा सीरीज़ – केस फ़ाइल #18 स्थान: मुंबईतारीख: 12 नवंबरघटना: 3 दिनों में, 3 अलग-अलग इलाक़ों में, 3 संपन्न बुज़ुर्ग अकेले मरे पाए गए।तीनों मामलों में कोई जबरदस्ती नहीं, कोई लूट नहीं, कोई सीसीटीवी सुराग नहीं…लेकिन हर एक
🕵️♂️ छठी मंज़िल का दरवाज़ा (एक अनसुलझा क़त्ल, एक ग़ायब वसीयत, और एक बंद दरवाज़े के पीछे छिपा सच)डिटेक्टिव शिवा और सोनिया केस फ़ाइल #17 शनिवार, सुबह 7:15 | दिल्ली – करोल बाग | अर्जुन हाइट्स अपार्टमेंट – फ्लैट नंबर 6A छठी मंज़िल पर सफ़ाई कर्मचारी राघव ने देखा — फ़्लैट 6A का दरवाज़ा आधा खुला था।“मेहता साब?” उसने आवाज़
🎨 चित्र – एक गुमशुदगी की गहराई डिटेक्टिव शिवा सीरीज़ 5 मई की सुबह दिल्ली की हवा कुछ अलग थी—बाहरी दुनिया में सब सामान्य, लेकिन ‘डिफेंस कॉलोनी’ के कोने पर बनी ‘आर्ट मिराज’ गैलरी के भीतर कुछ टूटा हुआ था। स्टाफ ने दरवाज़ा खोला, और पाया—विवेक सहगल, प्रसिद्ध चित्रकार और गैलरी मालिक, अपने स्टूडियो से गायब था। दरवाज़ा अंदर से
🕵️♂️ रेत की घड़ी – एक ठंडी हत्या संक्षेप में:मुंबई के पॉश इलाके में एक करोड़पति उद्योगपति की हत्या होती है। कमरे में न कोई खून, न कोई हथियार — सिर्फ़ एक मेज़ पर उलटी रखी हुई रेत की घड़ी।पुलिस को यह आत्महत्या लगती है, लेकिन एक लड़की कहती है: “मेरे पापा आत्महत्या नहीं कर सकते। ये हत्या है।”जासूस शिवा
🕵️♂️ शून्य कमरा – एक रहस्यमयी हत्या की कहानी संक्षेप में:दिल्ली के एक हाई-प्रोफाइल इलाके में एक मशहूर वैज्ञानिक की रहस्यमयी मौत। कमरा अंदर से बंद, कोई चाबी नहीं, कोई खून नहीं — फिर भी मौत। पुलिस हार मान चुकी है। अब मैदान में उतरते हैं जासूस शिवा और उसकी तेज़तर्रार सहायक सोनिया।एक-एक सुराग जाल की तरह उलझा है —
🚪 दरवाज़ा – भाग 4: अंतिम सत्य 🧩 अंतिम सारांश:तीन रहस्यमयी घटनाओं और अनेक जिंदगियों को निगलने के बाद, अब यह स्पष्ट हो चुका है कि यह दरवाज़ा केवल लकड़ी या ईंट का बना नहीं है — यह एक चेतना है, एक आत्मिक अस्तित्व। इस बार शिवा और सोनिया को इसे केवल समझना नहीं, समाप्त करना है — वरना यह
🚪 दरवाज़ा – भाग 3: अंतिम सत्य 🧩 कहानी का संक्षिप्त सारांश:दो रहस्यमयी घटनाओं के बाद शिवा और सोनिया को लगा था कि लाल दरवाज़े का अध्याय समाप्त हो चुका है। लेकिन जब उनके दरवाज़े पर एक अजनबी बच्चा एक चिठ्ठी लेकर आता है — जिसमें केवल यह लिखा होता है, “जो अधूरा रह गया, वह अब पूर्ण होगा…”, तो
🔓 भाग 2 – दरवाज़ा फिर खुला 🧩 कहानी का संक्षिप्त सारांश:लाल हवेली के रहस्य को सुलझाए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन दरवाज़ा की परछाई अभी भी ज़िंदा है। इस बार वह दिल्ली नहीं, रायगढ़ नाम के एक दूर-दराज़ शहर में फिर से प्रकट होता है — एक पुरानी लाइब्रेरी में, जहाँ एक कर्मचारी की रहस्यमयी मौत से सब
🔍 रहस्यमयी लाल दरवाज़ा 🧩 कहानी का सारांश:एक सुनसान हवेली में बने लाल दरवाज़े के पीछे छुपा है एक ऐसा रहस्य, जिसे जानने की कोशिश करने वाले या तो ग़ायब हो गए हैं या फिर पागल हो चुके हैं। पुलिस भी हाथ खड़े कर चुकी है। ऐसे में यह रहस्यमयी मामला दिल्ली के प्रसिद्ध जासूस शिवा और उसकी सहायक सोनिया